दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को शराब घोटाले में गिरफ्तार उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को 5 दिन की CBI रिमांड पर भेज दिया। सीबीआई ने 2021-22 की आबकारी नीति लागू करने में कथित भ्रष्टाचार को लेकर करीब आठ घंटे की पूछताछ के बाद सिसोदिया को रविवार शाम को गिरफ्तार कर लिया था।
CBI ने अदालत से सिसोदिया की पांच दिन की रिमांड मांगी थी। पिछले साल जून में दिल्ली के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी हुई थी। सत्येंद्र जैन अभी भी जेल में बंद हैं। अब इस मामले में दिल्ली सरकार के दूसरे मंत्री सिसोदिया की गिरफ्तारी हुई है।
सीबीआई ने सिसोदिया को अदालत में पेश करते हुए उनकी पांच दिन की पुलिस हिरासत मांगी। सीबीआई ने अदालत को बताया कि अब तक की छानबीन में पाया गया है कि सिसोदिया ने शराब नीति में बदलाव करने के लिए तत्कालीन सचिव पर मौखिक रूप से दबाव बनाया था। उन्होंने सचिव को एक नया कैबिनेट नोट डालने का निर्देश दिया था।
वहीं दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर ने सीबीआई की दलीलों तगड़ी आपत्ति जताई। मोहित माथुर ने अपनी दलीलों में कहा कि सिसोदिया को सीबीआई की हिरासत में भेजे जाने की जरूरत नहीं है। सिसोदिया के वकील दयान कृष्णन ने गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए कहा कि सीआरपीसी की धारा-41 में प्राविधान है कि गिरफ्तारी से पहले, आरोपी के परिवार को गिरफ्तारी का आधार बताना जरूरी होता है लेकिन सीबीआई ने इसका पालन नहीं किया।
सिसोदिया के वकील ने कहा कि उपराज्यपाल की मंजूरी से कमीशन बढ़ाने पर फैसला लिया गया था। यदि यह अपराध है तो इसमें एलजी पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए। मनीष सिसोदिया सवालों का जवाब देने के बजाए बहानेबाजी कर रहे हैं यह गिरफ्तारी का आधार नहीं हो सकता है। मेरे मुवक्किल सिसोदिया ने मामले की जांच में सीबीआई को सहयोग किया है। सीबीआई ने जब भी सिसोदिया को पूछताछ के लिए बुलाया। सिसोदिया पेश हुए लेकिन फिर भी उन्हें गिरफ्तार किया गया।
सीबीआई अधिकारियों का कहना था कि सिसोदिया सवालों का सही तरह जवाब नहीं दे रहे थे। वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। इसी वजह से उनको गिरफ्तार करना पड़ा। सीबीआई ने सिसोदिया को रातभर अपने मुख्यालय में रखा। सोमवार को सुबह उनका मेडिकल कराने के बाद दोपहर बाद अदालत में उनकी पेशी कराई गई। सीबीआई ने पूछताछ के दौरान उन सवालों को दोबारा पूछा, जिनके आधार पर पूरे मामले में उनकी भूमिका संदिग्ध मालूम पड़ रही है।
जांच एजेंसी का कहना है कि पिछली पूछताछ के दौरान सिसोदिया ने टालू रवैया अपनाया। उनकी ओर से विभिन्न सवालों का जवाब नहीं मिला। सीबीआई सूत्रों का कहना था कि सिसोदिया से डिजिटल सबूत को आधार बनाकर कई सवाल पूछे गए। कई सबूत सिसोदिया को दिखाए गए। इनके बारे में पूछा गया तो सिसोदिया ने जवाब नहीं दिया।
सीबीआई का कहना है कि आबकारी नीति तैयार करने और इसके कार्यान्वयन दोनों में खामियां थीं। नीति नियंताओं का मकसद पार्टी से जुड़े लोगों को कथित तौर पर लाभ पहुंचाना था। सीबीआई सूत्रों ने बताया कि जांच टीम के अधिकारी सिसोदिया के जवाब से संतुष्ट नहीं थे। अधिकारियों का कहना था कि सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे जिसके चलते उनको गिरफ्तार करना पड़ा। सिसोदिया की गिरफ्तारी पर केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि सिसोदिया की गिरफ्तारी गंदी राजनीति का नमूना है।