कानपुर देहात में अतिक्रमण हटाने के दौरान जिंदा जल मरीं मां-बेटी की मौत मामले को लेकर योगी सरकार गंभीर हो गई है। एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद को निलंबित करने के बाद हिरासत में ले लिया गया है।
एसडीएम से पुलिस पूछताछ कर रही है। लेखपाल को भी हिरासत में लेने की बात कही जा रही है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। प्रारंभिक जांच में एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद और लेखपाल अशोक सिंह को दोषी मानते हुए सस्पेंड किया गया है।
जेसीबी चालक को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया है। कुल 38 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इलाके के थाना प्रभारी को भी हटा दिया गया है। वहीं मां-बेटी के शव मंगलवार की दोपहर बाद भी नहीं उठ पाए। लोग मुख्यमंत्री को मौके पर बुलाने समेत कई मांगों पर अड़े हैं।
रूरा थानाबक्षेत्र के मड़ौली गांव में सोमवार को एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद की मौजूदगी में पुलिस व राजस्व कर्मियों के साथ गांव के कृष्ण गोपाल दीक्षित की झोपड़ी के पास लगे सरकारी नल मंदिर तोड़ने के साथ ही उसकी झोपड़ी को जेसीबी से ढहा दिया था। ढहाए गए छप्पर में लगी आग से वहां मौजूद कृष्ण गोपाल दीक्षित की पत्नी प्रमिला दीक्षित (44) व उनकी बेटी नेहा (21) की आग से जलकर मौत हो गई। कृष्ण गोपाल गंभीर रूप से झुलस गए थे।
हादसे से वहां अफरातफरी मच गई। लोगों का गुस्सा भड़का तो एसडीएम के साथ ही पुलिस और राजस्वकर्मी भाग निकले थे। अफसरों की छानबीन के बाद देर रात कृष्ण गोपाल के बेटे शिवम की तहरीर पर एसडीएम मैथा सहित 38 के खिलाफ हत्या व हत्या के प्रयास आग लगाने सहित कई गंभीर धाराओं में थाने में मुकदमा दर्ज हो गया।
लेखपाल पर आग लगाने का आरोप
मामले में लेखपाल पर आग लगाने व एसओ रूरा पर मारपीट करने का आरोप लगाया गया है। ग्रामीणों व परिजनों ने परिवार को पांच करोड़ का मुआवजा, दोनों बेटों के नाम 5-5 बीघा जमीन का पट्टा किए जाने परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिए जाने व आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर शव नहीं उठने दिए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री को बुलाए जाने की मांग भी की। घटना के बाद गांव में तनाव का माहौल है। गांव में एहतियात के तहत भारी पुलिस बल तैनात है।