राष्ट्रपति भवन का प्रसिद्ध मुगल गार्डन अब ‘अमृत उद्यान’ के नाम से जाना जाएगा। शनिवार को जारी आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।
यह उद्यान साल में एक बार आम लोगों के लिए खुलता है। लोग 31 जनवरी से इस उद्यान को देखने जा सकते हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रविवार को राष्ट्रपति भवन उद्यान उत्सव 2023 का उद्घाटन करेंगी। सनद रहे केंद्र सरकार ने पिछले साल दिल्ली के प्रतिष्ठित ‘राजपथ’ का नाम बदलकर ‘कर्तव्य पथ’ कर दिया था। केंद्र सरकार का कहना है कि इन चीजों के नाम में बदलाव औपनिवेशिक मानसिकता के निशान को हटाने का प्रयास है। भाजपा ने मुगल गार्डन का नाम बदले जाने को सराहा है जबकि कांग्रेस नेताओं ने सवाल उठाए हैं।
भाजपा के कई नेताओं ने मुगल गार्डन का नाम बदलकर ‘अमृत उद्यान’ करने के फैसले को’ऐतिहासिक’ करार देते हुए शनिवार को इसका स्वागत किया। भाजपा नेताओं कहा कि यह कदम दिखाता है कि भारत गुलामी की मानसिकता से कैसे बाहर निकल रहा है। भाजपा सांसद गिरिराज सिंह ने ‘अमृत उद्यान’ की नयी पट्टिका का वीडियो ट्विटर पर साझा करते हुए ट्वीट किया- स्वागत, स्वागत, स्वागत।’ वहीं संबित पात्रा ने फैसले को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा- अमृत काल में गुलामी की मानसिकता से बाहर आने की दिशा में मोदी सरकार ने एक और ऐतिहासिक कदम उठाया है। राष्ट्रपति भवन स्थित मुगल गार्डन अब ‘अमृत उद्यान’ के नाम से जाना जाएगा।
भाजपा सांसद पूनम महाजन ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी का मुगल गार्डन का नाम बदलकर अमृत उद्यान करने का फैसला वास्तव में ऐतिहासिक है जो हमारे देश की आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान आया है। केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि देश के लिए बहुत प्रसन्नता का विषय है कि राष्ट्रपति भवन के बगीचे का नाम मुगल गार्डन से बदलकर अमृत उद्यान हो गया है। आप सोचेंगे की नाम में क्या रखा है। नाम में बहुत कुछ रखा है। खासतौर पर तब, जब देश में अमृत महोत्सव मनाया जा रहा हो।
दूसरी ओर मुगल गार्डन का नाम बदले जाने पर कांग्रेस भड़क गई है। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी सवाल पूछा है कि सरकार मुगल गार्डेन का नाम क्यों बदल रही है। क्या इसे भाजपा ने बनाया था। राष्ट्रपति भवन को भी अंग्रेजों ने बनाया था क्या आप उसे भी गिरा देंगे। क्या आप लाल किला और ताज महल का नाम भी बदलेंगे। जहां प्रधानमंत्री रहते हैं उसे भी अंग्रेजों ने बनाया था क्या उसको भी गिराया जाएगा। भाजपा को अपना गार्डेन बनाना चाहिए। भाजपा ऐसा करके उसके नाम को बदल सकती है। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने यह भी चेताया कि यदि कोई दूसरी सरकार आई तो क्या वह भी नाम बदलेगी। ऐसा करने का क्या मतलब है।