नई दिल्ली. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) ने शुक्रवार को कहा कि संसद के नए भवन की जरूरत है और जब दोनों सदनों ने नये संसद भवन के निर्माण के बारे में आग्रह किया था तब लोकसभा या राज्यसभा के किसी सांसद ने इसका विरोध नहीं किया था. लोकजनशक्ति पार्टी (Chirag Paswan) में चल रही खींचतान के मामले पर बिरला से पूछे जाने पर उन्होंने जवाब दिया कि हर पार्टी को अपना अध्यक्ष चुनने का अधिकार है. अगर पांच सदस्य आ कर मुझे पत्र देते हैं तो मुझे किसी और से पूछने की जरूर नहीं है. निर्णय जल्दी लेना ही चाहिए.
एलजेपी में चल रही खींचतान पर आगे बोलते हुए ओम बिरला ने कहा, संसद अपने कानून से चलता है, किसी पार्टी के कानून से नहीं.
लोकसभा अध्यक्ष ने 17वीं लोकसभा के दो साल पूरे होने के अवसर पर एक संवादादाता में ओम बिरला ने कहा, संसद निर्माण कार्य कार्यक्रम से 16 दिन पीछे चल रहा है हालांकि इसे अक्तूबर 2022 तक पूरा कर लिया जायेगा. बिरला ने कहा, ” हम प्रारंभ में निर्धारित कार्यक्रम से 27 दिन आगे चल रहे थे लेकिन कोविड-19 महामारी फैलने के कारण अभी यह 16 दिन पीछे चल रहा है.”
संसद के नये भवन के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि संसद के वर्तमान भवन का विस्तार नहीं किया जा सकता है और यह बदलते समय की जरूरतों को पूरा नही करता. उन्होंने कहा, ” वर्तमान भवन ऐतिहासिक इमारत है और इसमें कई ऐतिहासिक फैसले किये गए. लेकिन अब इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है. यह 100 साल से अधिक पुराना है और ऐसे में नये भवन की जरूरत है.”एलजेपी में आई दरार?
बता दें कि तख्तापलट के खेल के बीच चिराग पासवान ने बतौर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई. इस बैठक में एलजेपी के पांचों बागी सांसदों को पार्टी से निकालने का फैसला लिया गया है.
बता दें कि एलजेपी में टूट के खबरों के बीच चिराग कल से लगातार अपने चाचा पशुपति पारस के घर का चक्कर काट रहे थे, लेकिन चाचा उनसे मुलाकात करने को तैयार नहीं थे. ऐसे में अपने शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए चिराग ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी के साथ बैठक कर ये फैसला लिया है.