पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने राज्य में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के क्रियान्वयन में धांधली के आरोपों पर कहा कि योजना के क्रियान्वयन में जहां पर भी शिकायत मिली है, राज्य सरकार ने त्वरित कार्रवाई की है.
केंद्र सरकार के निर्देश के बाद राज्य में सर्वे किया गया जिसमें 17 लाख नाम ऐसे पाया जाए हैं, जो इस योजना के हकदार नहीं थे. ऐसे लोगों का नाम सूची से काट दिया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पीएम आवास योजना के तहत 50 लाख नाम रजिस्टर किए गए थे. इसमें से 17 लाख नाम काटे गए हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा मैं भी कानून से ऊपर नहीं. वहीं, आवास योजना को लेकर भाजपा द्वारा राज्य सरकार पर लगाए जा रहे आरोपों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम आवास योजना के तहत कई भाजपा नेताओं ने अपना घर बनाया है, जिनके पास 2-3 तल्ले के पक्के मकान है, उनका नाम भी इस योजना में पंजीकृत है. इसलिए किसी और पर उंगली उठाने से पहले अपनी ओर देख लें. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम जब भी केंद्र सरकार के खिलाफ कोई आवाज उठाते हैं तो केंद्र सरकार ईडी सीबीआई जैसी एजेंसी को भेजकर राज्य को बदनाम करने की कोशिश कर रही है.
पीएम आवास योजना को लेकर भाजपा नेताओं पर लगाया आरोप
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को योजना के बारे में गलत जानकारी दी जा रही है. पश्चिम बंगाल सरकार ने तो राज्य के लोगों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए दुआरे सरकार शिविर शुरू किया है, जिसके माध्यम से लोगों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा रहा है. हम शिविर लगाकर लोगों का नाम योजनाओं के तहत पंजीकृत करते हैं. अगर इसमें कोई भी गड़बड़ी है तो उसके खिलाफ शिकायत करें, राज्य सरकार उस पर कार्रवाई करेगी.केंद्र सरकार ने लगभग 37 लाख घरों को बनाने की मंजूरी दी है. लेकिन इसी वित्तीय वर्ष में 11 लाख 36 हजार आवास बनाए जाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी गलत नहीं है. इसलिए किसी एक की गलती के लिए सब को दोषी नहीं ठहराया जा सकता. कानून के ऊपर कोई नहीं है. जो भी योजना के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की धांधली करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.