अयोध्या: राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा खरीदी गई जमीन पर राजनीतिक दलों के द्वारा आरोप-प्रत्यारोप का दौर अभी थमा भी नहीं था कि, इसी मामले पर एक नया मोड़ सामने आया है. 18 मार्च 2021 को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पक्ष में 18 करोड़ 50 लाख का अनुबंध करने वाले सुल्तान अंसारी और रवि मोहन ने 18 मार्च 2021 को ही संबंधित भूमि गाटा संख्या 242, 243, 244 और 246 को 1.208 हेक्टेयर जमीन पहले हरीश पाठक और कुसुम पाठक से खरीदी बाद में बैनामा होल्डर सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी ने दो करोड रुपए में खरीदी हुई जमीन 18 करोड़ 50 लाख में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को करार के तौर पर अनुबंध की, जिसमें 17 करोड़ रवि मोहन और सुल्तान अंसारी के खातों में बराबर बराबर 8 करोड़ 50 लाख रुपए सुल्तान अंसारी और 8 करोड़ 50 करोड़ रुपए रवि मोहन तिवारी के खाते में ट्रस्ट ने आरटीजीएस किया.
बढ़ता जा रहा है विवाद
अब गाटा संख्या 242 में ही हरीश पाठक और कुसुम पाठक ने 1.037 हेक्टेयर जमीन की रजिस्ट्री श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय के पक्ष में की, यह जमीन भी 18 मार्च 2021 को कुसुम पाठक और हरीश पाठक ने ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के नाम बैनामा की है जिसके लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने कुसुम पाठक और हरीश पाठक के खातों में आठ करोड़ आरटीजीएस किया. जिस दिन श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी से 1.208 हेक्टेयर जमीन का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट किया था उसी दिन उसी समय ट्रस्ट ने कुसुम पाठक और हरीश पाठक से बैनामा लिया है.
सपा के पूर्व मंत्री ने ट्रस्ट पर खड़े किये सवाल
जहां एक तरफ अब श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इंकार कर है तो ही विपक्ष लगातार ट्रस्ट के आड़ में भाजपा को घेरने का प्रयास कर रहा है. समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडे पवन ने कहा कि 90 बिस्वा जमीन 8 करोड़ में और 100 बिस्सा जमीन 18 करोड़ पचास लाख में अभी तक भाजपा के लोग कह रहे थे कि, इससे सस्ती जमीन कोई दिला देगा तो उसका सम्मान करेंगे. कहां गए भाजपा के लोग अब क्यों नहीं उसी जगह पर उसी स्थल पर जब काश्तकार से जमीन खरीदी गई तो वह कुछ और रेट लगाया गया और जब भू माफिया से जमीन खरीदी खरीदी गई तो कुछ और रेट लगाए गया. इसमें साफ-साफ एक बड़ा घोटाला है और इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच होनी चाहिए. अयोध्या विवाद पर फैसला आने के बाद से अब तक जितनी भी जमीन ट्रस्ट के द्वारा खरीदी गई है उन सभी जमीनों पर सीबीआई जांच की जानी चाहिए.