केन्या में एक फेमस पाकिस्तानी पत्रकार की रहस्यमयी मौत के बाद एक और पत्रकार ने देश छोड़ दिया है। पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार मोईद पीरजादा रविवार को देश छोड़कर यूनाइटेड किंगडम (यूके) पहुंच गए। सोमवार को मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया। अप्रैल के अंत में जब से शहबाज शरीफ ने प्रधानमंत्री का पद संभाला है, तब से कई पाकिस्तानी पत्रकारों ने सेना से जुड़ी एजेंसियों द्वारा डराने-धमकाने की बात कही है।पेरिस स्थित एक मीडिया वॉचडॉग के अनुसार, पाकिस्तान पत्रकारों के लिए दुनिया के सबसे घातक देशों में से एक है, जहां हर साल तीन से चार पत्रकारों की हत्याएं होती हैं। ये हत्याएं अक्सर भ्रष्टाचार या अवैध तस्करी से जुड़ी होती हैं और इनमें अपराधी को पूरी तरह से दण्डित नहीं किया जाता है। रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (आरएसएफ) ने मीडिया के उत्पीड़न के खिलाफ पाकिस्तानी सेना के आलाकमान को आगाह किया है। कोई भी पत्रकार जो इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) द्वारा निर्धारित लक्ष्मण रेखा को लांघता है वह सेना की निगरानी में आ जाता है। उन्हें या तो बिनी किसी जुर्म से जेलों में डाल दिया जाता है या अगवाह कर लिया जाता है। आरएसएफ के अनुसार, पाकिस्तान की प्रमुख सैन्य खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) किसी भी आलोचना को चुप कराने के लिए तैयार है। पाकिस्तानी पत्रकार अरशद शरीफ की हालिया हत्या ने एक बार फिर पाकिस्तान और विदेशों में पाकिस्तानी पत्रकारों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर दिया है। हर गुजरते दिन के साथ, अरशद शरीफ की हत्या का मामला रहस्यमयी होता जा रहा है। अरशद शरीफ की हत्या से जुड़े नए तथ्य हर दिन सामने आ रहे हैं।