अमेरिकी नौसेना का जहाज पहली बार भारत के किसी बंदरगाह पर रिपेयरिंग और अन्य सर्विसेज के लिए रुका है। यह भारत और अमेरिका के बीच रक्षा समझौतों का एक अंग है। चैन्नई के कट्टूपल्ली के शिपयार्ड पर रविवार को अमेरिका का यह जहाज पहुंचा। बताया जा रहा है कि यह 11 दिनों तक इसी शिपयार्ड पर रहेगा। इसे अहम इसलिए माना जा रहा है क्योंकि भारत और चीन दो साल से पूर्वी लद्दाख को लेकर भिड़े हैं। कई दौर की बातचीत के बाद भी कोई स्थायी हल निकलता दिखायी नहीं दे रहा है। वहीं ताइवान को लेकर अमेरिका से भी चीन की ठनी हुई है। इस बीच अमेरिका और भारत के बीच यह दोस्ती चीन के लिए एक और बड़ा झटका हो सकती है। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा, ‘पहली बार ऐसा हो रहा है कि अमेरिका का जहाज रिपोयरिंग के लिए भारत के पोर्ट पर ठहर रहा है। अमेरिकी नौसेना ने समझौते के तहत कट्टूपल्ली के एल ऐंड टी शिपयार्ड को रिपेयरिंग का कॉन्ट्रैक्ट दिया है। यह भारत और अमेरिका के आपसी सहयोग का एक बड़ा नमूना है। वहीं वैश्विक बाजार में यह भारत के शिपयार्ड की क्षमता भी प्रदर्शित करेगा। यहां काफी कम कीमत में और कम समय में शिप रिपेयरिंग का काम होगा। इसमें आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।’बता दें कि अप्रैल में वॉशिगटन में हुए टू प्लस टू डायलॉग के वक्त भारत भारत ने अमेरिका के सामने यह ऑफर रखा था। अमेरिका ने भी इसपर सहमति जताई थी।