शिवसेना सांसद संजय राउत पर लंबे समय से ईडी शिकंजा कस रही है। वह एक बार ईडी के दफ्तर में पहुंचे थे और उनसे 10 घंटे पूछताछ चली थी। वहीं ईडी ने संजय राउत के परिवार से संबंधित 11 करोड़ की प्रॉपर्जी कुर्क कर दी थी। इसमें जमीन भी शामिल थी। रविवार को संजय राउत के तीन ठीकानों पर करीब 9 घंटे छापेमारी चली। ईडी ने साढ़े 11 लाख रुपये की नकदी जब्त की। ईडी का आरोप है कि संजय राउत पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे थे इसलिए उन्हें हिरासत में ले लिया गया। यह पूरी छानबीन पात्रा चॉल स्कैम को लेकर चल रही है जिसमें संजय राउत का परिवार भी आरोपी है। आइए जानते हैं आखिर क्या है यह मामला…
क्या है पात्रा चॉल स्कैम?
साल 2007 में महाराष्ट्र हाउसिंग ऐंड डिवेलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) ने चॉल में रहने वाले परिवारों को स्थायी घर देने के लिए फ्लैट बनाकर देने की योजना शुरू की थी। यह काम गोरेगांव के सिद्धार्थ नगर में होना था। पात्रा चाल के रिडिवेलपमेंट का काम गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया था। म्हाडा की 47 एकड़ की जमीन में 672 घर बने हैं। कंपनी को साढ़े तीन हजार फ्लैट बनाकर देने थे। म्हाडा का प्लान था कि फ्लैट बनने के बाद जो जमीन बचेगी उसे बेच दिया जाएगा। हालांकि 14 साल के बाद भी कंपनी ने यहां फ्लैट नहीं बनाए। आरोप है कि गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी ने म्हाडा के साथ धोखाधड़ी की और बिना फ्लैट बनाए ही जमीन बिल्डरों को बेच दी। इससे उसे 901 करोड़ रुपये से ज्यादा का मुनाफा हुआ।