नई दिल्ली, 17 जुलाई।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर ‘दिल्ली मॉडल’ पेश करने के लिए वर्ल्ड सिटीज समिट में भाग लेने के लिए सिंगापुर जाने की अनुमति मांगी है। दिल्ली सरकार के सूत्रों का आरोप है कि एलजी विनय कुमार सक्सेना ने सरकार की कई फाइलें रोक रखी है। जिसमें वर्ल्ड सिटीज समिट-2022 संबंधित फाइल दिल्ली के एलजी के पास भेजी गई थी जिस पर अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है।
क्या है वर्ल्ड सिटीज समिट?
वर्ल्ड सिटीज समिट-2022 में शामिल होने की अनुमति के लिए अब सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। ये समिट सिंगापुर में हो रहा है। जहां दुनिया भर के नेता, उद्योग जगत के विशेषज्ञ शहरी चुनौतियों से निपटने और नई साझेदारी नीति को लेकर चर्चा करते हैं।
सीएम केजरीवाल ने पीएम को क्यों लिखा पत्र
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने पीएम को लिखे पत्र में कहा है कि विदेशों में दिल्ली के विकास मॉडल की चर्चा हो रही है। अमेरिका तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दो वर्ष पहले जब भारत आए थे तो उनके साथ आईं उनकी पत्नी ने दिल्ली के स्कूल देखने आईं। वे दिल्ली के शिक्षा मॉडल से प्रभावित हुईं। इसके अलावा कई विदेशी नेता दिल्ली आए और उन्होंने राज्य के विकास मॉडल की चर्चा की। यूएन की पूर्व महासचिव बान की मून और नार्वे की पूर्व पीएम ग्रो हर्लेम दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक देखने आई थीं। ऐसे में दिल्ली के मुख्यमंत्री को विदेशी मंच पर जाने की अनुमति नहीं देना उचित नहीं है।
दिल्ली सरकार ने लगाए ये आरोप
दरअसल, सिंगापुर के हाई कमिश्नर साइमन वॉन्ग की हाल ही में सीएम अरविंद केजरीवाल से मुलाकात हुई। इस दौरान सीएम को वर्ल्ड सिटीज समिट-2022 में शिरकत करने के लिए आमंत्रित किया था। जिसका आयोजन 2 और 3 अगस्त सिंगापुर में होना है। सीएम केजरीवाल ने इस आमंत्रण को अनुमति दे दी थी। सिंगापुर दौरे की रूपरेखा भी तैयार की गई। लेकिन आरोप है कि दिल्ली के उपराज्यपाल के पास सीएम के दौरे की अनुमति की फाइल अटकी है। दिल्ली के सीएम ने अनुमति मिलने में देरी को लेकर इससे पहले भी केंद्र को एक पत्र भेजा था। ये पत्र दिल्ली सरकार की ओर से पीएम को 7 जून को भेजा गया थी। केजरीवाल में पीएम को भेजे अपने ताजा पत्र में कहा है कि किसी मुख्यमंत्री को ऐसे महत्त्वपूर्ण मंच पर जाने रोकना किसी भी तरह से सही नहीं ठहराया जा सकता।