हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह में दो चतुर्थी तिथि पड़ती है।
कृष्ण पक्ष की चतुर्थी संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी विनायक चतुर्थी कहलाती है। दोनों ही चतुर्थी तिथि भगवान श्री गणेश को समर्पित होती है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा का विधान है। जुलाई माह की शुरुआत हो चुकी है और इस माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 17 तारीख को है। इस दिन संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा। इस दिन भक्तगण सुख, शांति और समृद्धि के लिए एकदन्त दयावन्त चार भुजा धारी भगवान श्री गणेश की विधि विधान से पूजा-अर्चना करते हैं। भगवान गणेश भक्तों के लिए विघ्नहर्ता माने जाते हैं। संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों के जीवन से विघ्न और बाधाओं को दूर कर देते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि जुलाई महीने की संकष्टी चतुर्थी कब है और इसकी पूजा विधि और क्या है…
संकष्टी चतुर्थी तिथि और शुभ मुहूर्त हिंदू पंचांग के अनुसार, जुलाई महीने की संकष्टी चतुर्थी का व्रत 17 जुलाई, 2022 को रखा जाएगा। इस तिथि की शुरुआत 16 जुलाई, शनिवार को दोपहर 1 बजकर 27 मिनट से हो रही है। वहीं चतुर्थी तिथि की समाप्ति 17 जुलाई, रविवार को सुबह 10 बजकर 49 मिनट पर होगा। उदया तिथि के आधार पर संकष्टी चतुर्थी का व्रत 17 जुलाई को रखा जाएगा।
संकष्टी चतुर्थी पूज विधि संकष्टी चतुर्थी के दिन प्रातः काल उठकर स्नान करें इसके पश्चात पूजा स्थान की साफ-सफाई करें और गंगाजल छिड़कें। फिर गणेश जी को वस्त्र पहनाएं और मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
सिंदूर से भगवान गणेश का तिलक करें, उन्हें पुष्प अर्पित करें। दूर्वा गणेश जी बेहद प्रिय है इसलिए 21 दूर्वा की गांठ अर्पित करें। गणेश जी को मोतीचूर के लड्डू या मोदक का भोग लगाएं। पूजा समाप्त होने के बाद आरती करें और पूजन में हुई भूल-चूक के लिए क्षमा मांगे।
इसके अलावा पूरे दिन फलाहारी व्रत रखकर अगले दिन व्रत का पारण करें। साथ ही पारण के दिन सुबह पुनः भगवान गणेश जी की विधिवत पूजा करें और गलती के लिए क्षमा याचना करें।