उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गणेशगंज में 250 साल से भुईयन देवी का मंदिर है। मंदिर की खासियत ये है कि इसके कपाट कभी बंद नहीं होते। जब-जब मंदिर का कपाट बंद करने की या पर्दा लगाने की कोशिश की गई तब तब या तो कपाट टूटकर गिर गया या पर्दे में आग लग गई। इसके बाद से यहां दिन-रात 24 घंटे माता का मंदिर खुला ही रहता है। इसके अलावा दूसरी खास बात ये है कि यहां माता का जलाभिषेक होता है। हर रोज सुबह पांच बजे से दोपहर एक बजे तक माता को जल चढ़ाया जाता है। उसके बाद माता का श्रृंगार होता है। इस मंदिर की खासियत यह भी है कि भुईयन देवी माता के दाहिनी ओर संकटा माई भी मौजूद हैं जैसे राजस्थान के कैला देवी में माता चामुंडा देवी मौजूद हैं। श्रद्धालु भुईयन माता और संकटा माता दोनों की पूजा करते हैं। भुईयन माता के बारे में कहा जाता है कि उनकी मूर्ति कहां से आई इस बारे में कोई नहीं जानता। माता की सेवा करने वाले परिवार के मुताबिक उनकी पांचवी पीढ़ी माता की सेवा कर रही है। उन्हीं के पूर्वज को एक बार जंगल में माता की मूर्ति दिखी जिसके बाद से उन्होंने माता को सजाना और उनकी पूजा करना शुरू कर दिया। तब से महिलाएं ही माता की सेवा करती हैं।भुईयन माता का मंदिर चमत्कारी मंदिर माना जाता है जहां लोगों के मन की मुरादें पूरी होती है। भक्त यहां मन्नत के तौर पर घंटी बांधकर जाते हैं और फिर मन्नत पूरी होने पर घंटी खोलते हैं। नवरात्र के दौरान माता के मंदिर में मेला लगता है जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु जमा होते हैं। माता को भोग के तौर पर बर्फी चढ़ाई जाती है। इसके अलावा भक्त माता को हलवा, पूरी और छोले का भी भोग लगाते हैं। भुईयन माता के मंदिर पहुंचने का रास्ता बहुत सरल है। मंदिर लखनऊ के गणेशगंज में है। अगर आप हजरतगंज की तरफ से आएंगे तो चौराहे से दाहिने हाथ पर गणेशगंज है और इसी रास्ते पर भुईयन माता का मंदिर बना हुआ है।