संघर्ष विराम की अंतरराष्ट्रीय कोशिशों को ख़ारिज करते हुए रविवार को टीवी पर संबोधन के दौरान इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा है कि हमास के ख़िलाफ़ उसका सैन्य अभियान ‘पूरी ताक़त से जारी रहेगा.’
उन्होंने कहा, “आतंकी संगठनों के ख़िलाफ़ हमारा अभियान पूरी ताक़त से जारी रहेगा. हम अभी कार्रवाई कर रहे हैं और तब तक करेंगे जब तक कि ज़रूरत है और आपके लिए इसराइल के नागरिकों के लिए शांति स्थापित न हो जाए. यह समय लेगा.”
नेतन्याहू ने कहा कि इसराइल ‘आक्रमणकारी’ से सटीक दाम लेना और उन्हें नाकाम करना चाहता है.
उन्होंने इसराइल की सुरक्षा कैबिनेट की बैठक में यह बातें कहीं जो कि कई घंटों तक चली.
ग़ज़ा पर हुए हवाई हमलों में 33 की मौत, मृतकों का आंकड़ा 181 हुआ
ग़ज़ा में हमास द्वारा चलाए जा रहे स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को इसराइली सेना के हमलों में हताहतों की संख्या के बारे में जानकारी दी है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि हवाई हमलों में 33 लोगों की मौत हुई है. मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा है कि मारे जाने वालों में 12 महिलाएं और 8 बच्चे हैं, जबकि 50 लोग घायल हुए हैं.इसराइली हवाई हमले में ग़ज़ा में ध्वस्त हुई एक इमारत
राहत और बचाव कार्य मे लगे कार्यकर्ता अभी हमले में ध्वस्त हुई इमारतों के मलबे में बचे लोगों की तलाश में लगे हैं.
इसके साथ ही एक सप्ताह पहले शुरू हुई इस हिंसा में ग़ज़ा में मरने वालों का आंकड़ा 181 तक पहुंच गया है.
वहीं इसराइल के अधिकारियों का कहना है कि ताज़ा हमलों में 10 लोगों की मौत हुई है जिनमें दो बच्चे भी शामिल हैं. बीती रात इसराइल के कई दक्षिणी शहरों पर रॉकेट हमले हुए हैं.
इसराइली सेना ने कहा, हमास ने ताबड़तोड़ बसराए रॉकेट
इसराइली सेना ने कहा है कि ताज़ा हमले में ग़ज़ा से हमास ने इसराइली इलाक़े में अब तक सबसे अधिक संख्या में रॉकेट दाग़े हैं.
मेजर जनरल ओरि गॉर्डिन ने संवाददाताओं से कहा कि सोमवार से लेकर अब तक हमास ने क़रीब 3,000 रॉकेट इसराइल की तरफ दाग़े हैं.
उन्होंने कहा कि ग़ज़ा की तरफ़ से जिस तेज़ी से रॉकेट दाग़े गए हैं वो इससे पहले ग़ज़ा की तरफ़ से हुए हमलों से और साल 2006 में लेबनान के हिज़्बुल्ला के किए हमलों से अधिक है.
इसराइल और हमास के बीच समझौता कराने की कोशिशें हुई तेज़
इसराइल और ग़ज़ा में हमास के बीच जारी हिंसा का हल तलाशने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोशिशें तेज़ हो गई है.
इसराइल पहुंचे अमेरिकी दूत हैदी अम्र ने इसराइली रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज़ और दूसरे सुरक्षा अधिकारियों से बातचीत की है. इधर मिस्र ने भी दोनों पक्षों के बीच संघर्ष-विराम के लिए मध्यस्थता की कोशिशें तेज़ कर दी हैं.
रविवार को हो रही इस्लामी देशों के समूह ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ़ इस्लामिक कोऑपरेशन की एक अहम बैठक में सऊदी अरब ने “फ़लस्तीनियों के अधिकारों का उल्लंघन” करने के लिए इसराइल को ज़िम्मेदार ठहराया है. बैठक फ़िलहाल चल रही है.
रविवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए एक आपातकालीन बैठक बुलाई है.
मंगलवार को इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए यूरोपीय संघ में शामिल देशों के विदेश मंत्रियों की भी बैठक होने वाली है. इस बैठक में इस बात पर चर्चा की जाएगी की हिंसा ख़त्म करने की कोशिश में संघ किस तरह योगदान कर सकता है.
संघ के विदेश नीति प्रमुख जुसेप बोरेल ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच जारी हिंसा के कारण आम लोगों की मौत हो रही है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता.
जर्मनी के विदेश मंत्री हीको मास ने ट्वीट कर कहा है कि दोनों पक्षों के बीच जारी लड़ाई को रोकना बेहद ज़रूरी है और दोनों के बीच टू-स्टेट के लिए बातचीत आगे बढ़ाई जानी चाहिए.
पोप फ्रांसिस और जर्मन सरकार ने दोनों पक्षों से अपील की है कि वो बातचीत के रास्ते समस्या का हल तलाशें.