राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के करीबी रहे बाहुबली नेता व पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को लेकर अब सियासत नई राह पकड़ने लगी है। शहाबुद्दीन के निधन के बाद उनके परिवार वाले और समर्थक के राजद नेतृत्व से नाराज हैं। इसी कड़ी में लालू प्रसाद यादव आज वर्चुअल मीटिंग पर दिवंगत शहाबुद्दीन का साया दिखाई दिया।
हालांकि, डैमेज कंट्रोल के लिए आज सुबह राजद के विधायक रीतलाल यादव शहाबुद्दीन के पैतृक गांव प्रतापपुर पहुंचे थे और उनके बेटे ओसामा से मुलाकात की थी। लेकिन मुलाकात के बाद रीतलाल यादव ने कहा था कि वह दुख की इस घड़ी में परिवार वालों को सांत्वना देने आए थे। इस बीच अब शहाबुद्दीन के घर नीतीश कुमार के खासमखास और जदयू के विधान पार्षद राधाचरण साह पहुंचे।
राधाचरण साह जदयू के दूसरे नेताओं के साथ प्रतापपुर पहुंचे थे और ओसामा से मुलाकात की। राधाचरण साह के साथ जदयू के नेता और पूर्व विधायक बिजेंद्र यादव भी मौजूद थे। ये दोनों नेता पहले लालू प्रसाद यादव के साथ थे, लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव के समय इन्होंने पाला बदलकर नीतीश का दामन थाम लिया था। इस बीच रघुनाथपुर विधानसभा के विधायक हरिशंकर यादव का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया में वायरल हो रहा है।
विधायक हरिशंकर यादव ने यह साफ कह दिया है कि उनका लालू प्रसाद यादव या उनके परिवार से कोई लेना देना नहीं है उनकी वफादारी शहाबुद्दीन और उनके परिवार के साथ है जैसा भी उनका परिवार करने को कहेगा वह वैसा ही करेंगे। उनका कहना है कि वह लालू यादव और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को नहीं जानते हैं। उन्होंने कहा कि वह शहाबुद्दीन के समर्थक हैं और उन्होंने ही मुझे विधायक बनाया है। उनके नहीं रहने का गहरा अफसोस और दुख है। मैं शहाबुद्दीन और हिना शहाब के परिवार के लिए वफादार हूं और उन्हें किसी अन्य से कोई मतलब नहीं है। अगर हिना शहाब राजद छोड देती हैं तो वह भी राजद छोड देंगे।
उल्लेखनीय है कि राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष और बिहार विधान परिषद के सभापति रह चुके सलीम परवजे ने शहाबुद्दीन और उनके परिवार की उपेक्षा का आरोप लगाकर पार्टी छोड दी थी। उन्होंने कहा था कि मो। शहाबुद्दीन उनके अच्छे मित्र और राजद के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। सलीम परवजे ने कहा था कि शहाबुद्दीन के आखिरी दिनों में राजद उनके साथ खडी नहीं रही, इसलिए मैं पार्टी छोड रहा हूं।
कई लोगों ने कहा कि पार्टी ने समय रहते हैं, शहाबुद्दीन का खूब फायदा उठाया और निधन के बाद उनके लिए कुछ नहीं किया। यहां तक कि कोई उन्हें देखने भी नहीं आया। इसके बाद से ही लगातार राजद में खलबली मची हुई है। खासकर सीवान क्षेत्र के नेता कार्यकर्ता और विधायक पार्टी से खफा चल रहे हैं और कई लोगों ने पार्टी छोड दी है और छोडने का ऐलान भी कर दिया है।