प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज लाइट हाउस प्रोजेक्ट (Light House Projects) की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की. पीएम मोदी ने ड्रोन के जरिए से उस लाइट हाउस प्रोजेक्ट का जायजा लिया, जिसकी आधारशिला इसी साल पहली जनवरी को रखी गई थी. एडवांस टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से अलग-अलग शहर में 6 लाइट हाउस परियोजनाओं पर काम चल रहा है. इन 6 शहरों में रांची (झारखंड), अगरतला (त्रिपुरा), लखनऊ (यूपी), इंदौर (मध्य प्रदेश), राजकोट (गुजरात) और चेन्नई (तमिलनाडु) शामिल हैं.
छह राज्यों में ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज इंडिया के तहत लाइट हाउस प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी गई थी. मॉडर्न तकनीक का इस्तेमाल करते हुए इन 6 लाइट हाउस प्रोजेक्ट का निर्माण किया जा रहा है. इस तरह के प्रोजेक्ट में प्लास्टर और पेंट की जरूरत नहीं होती है. इसमें पूर्व निर्मित दीवारों का इस्तेमाल किया जाता है. लाइट हाउस प्रोजेक्ट में स्टील फ्रेम टेक्नोलॉजी का उपयोग करके घरों का निर्माण किया जाता है. यह घरों को भूकंप के जोखिम से बचाने में सहायता करता है.
लॉकडाउन के कारण ठप रहा काम
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने प्रोजेक्ट पूरा होने की डेडलाइन एक साल तय की थी, लेकिन कोरोना महामारी के चलते लगे लॉकडाउन की वजह से लाइट हाउस प्रोजेक्ट का काम पूरी तरह से बंद रहा. लाइट हाउस प्रोजेक्ट के वर्चुअल शिलान्यास के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि यह 6 प्रोजेक्ट लाइट हाउस यानी प्रकाश स्तंभ की तरह हैं. यह प्रोजेक्ट्स देश में हाउसिंग कंस्ट्रक्शन को नई दिशा दिखाएंगे. प्रधानमंत्री ने त्रिपुरा, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात और तमिलनाडु में लाइट हाउस प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी.
इंदौर की तकनीक में मकान निर्माण में ईंट-गारा नहीं होगा. इसमें प्री फेबरिकेटिड सैंडविच पैनल सिस्टम का इस्तेमाल होगा. गुजरात के राजकोट में टनल के जरिए मोनोलीथिक कंक्रीट तकनीक का इस्तेमाल होगा. यह फ्रांस की तकनीक है जिससे मकान निर्माण को गति मिलेगी और घर आपदाओं को झेलने में ज्यादा सक्षम होगा. चेन्नई में अमेरिका और फिनलैंड की प्री कास्ट कंक्रीट तकनीक का इस्तेमाल होगा जिसमें घर तेजी से बनेगा और सस्ता भी होगा.