पूरे देश में कल ईद मनाई जाएगी। बिहार और उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्सों में अर्धचंद्र देखा गया है।
लखनऊ ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने एएनआई से कहा, “आज चांद दिख गया है और कल देश में ईद-उल-फितर मनाई जाएगी।”शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी और मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने कहा कि ईद का चांद नज़र आया और शनिवार को ईद उल फितर मनाई जाएगी। ईद-उल-फितर इस्लाम के सबसे शुभ और पवित्र त्योहारों में से एक है। इसे रमजान के महीने भर के उपवास (रोजा) के समाप्त होने के रूप में चिह्नित किया जाता है।दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में शुक्रवार शाम ईद-उल-फितर के चांद के दीदार हो गए और अब शनिवार को यह त्योहार मनाया जाएगा। विभिन्न उलेमा (धर्म गुरुओं) ने ऐलान कर दिया। दिल्ली की फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने कहा कि शुक्रवार शाम दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, बिहार, राजस्थान और असम समेत कई स्थानों पर ईद का चांद सामान्य तौर पर सबने देखा है।उन्होंने कहा, ‘लिहाज़ा शव्वाल (इस्लामी कलेंडर के 10वें) महीने का पहला दिन शनिवार को है। शव्वाल महीने के पहले दिन ईद का त्यौहार मनाया जाता है।’ ईद के चांद के दीदार के बाद शुक्रवार को रमज़ान का पवित्र महीना खत्म हो गया। इस बार रमज़ान का महीना 29 दिन का रहा।हालांकि बीते दो साल में यह पवित्र महीना 30-30 दिन का था। इस्लामी कलेंडर के मुताबिक, एक महीने में 29 या 30 दिन होते हैं जो चांद दिखने पर निर्भर करता है। वहीं जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने एक बयान में ऐलान किया, ‘ 21 अप्रैल 2023 जुमे (शुक्रवार) के रोज़ माहे शव्वाल का चांद नज़र आ गया है। लिहाज़ ईद का त्यौहार शनिवार 22 अप्रैल को मनाया जाएगा।’इस्लामिक चंद्र कैलेंडर में नौवां महीना रमजान है और दसवां शव्वाल है, जिसका अर्थ है ‘उपवास तोड़ने का त्योहार’। शव्वाल महीने का पहला दिन मुसलमानों द्वारा ईद-उल-फितर के रूप में मनाया जाता है। ईद-उल-फितर के साथ शव्वाल के महीने का स्वागत करने के लिए मुसलमान रमज़ान के आखिरी दिन अर्धचंद्र को देखते हैं।
शव्वाल के दसवें इस्लामी महीने की शुरुआत का निर्धारण करने के लिए चंद्रमा को देखने की परंपरा वर्धमान या नए चंद्रमा को देखने की प्रथा है। मुसलमान चांद को नंगी आंखों से या टेलिस्कोप से देखते हैं। चंद्र महीने या तो 29 या 30 दिन लंबे होते हैं। हर साल रमजान और ईद-उल-फितर करीब 10-11 दिन पहले आते हैं। यह निर्भर करता है कि अर्धचंद्र कब देखा जाता है।मुसलमान भोर से सूर्यास्त तक रोजा रखते हैं, शांति और मार्गदर्शन के लिए अल्लाह से प्रार्थना करते हैं। दुनिया के विभिन्न हिस्सों में शुक्रवार को ही ईद-उल-फितर के मौके पर मुसलमानों ने इबादत की और जश्न मनाया। इस मौके पर घरों में खास पकवान बनते हैं और लोग एक दूसरे के घर जाते हैं। ईद-उल-फितर का त्योहार चांद दिखने पर मनाया जाता है। अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग दिन या समय पर ईद का चांद दिखाई देता है।