भारत ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में अहम पड़ाव हासिल करते हुए गुरुवार को 100 करोड़ कोविड टीकाकरण का आंकड़ा पार कर लिया है। 100 करोड़ वैक्सीन डोज लोगों को लगाने में भारत को 285 दिन लगे। इस टीकाकरण की तेजी का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि भारत को टीबी की 100 करोड़ डोज तक पहुंचने में 32 साल लगे थे जबकि पोलियो की पहली 100 करोड़ डोज तक पहुंचने में 20 साल लगे। लेकिन इस टीकाकरण के क्या मायने हैं और दूसरे देशों के मुकाबले यह कहां ठहरता है।
अगर केवल वैक्सीन डोज की संख्या की बात करें तो केवल भारत और चीन ही 100 करोड़ वाले क्लब में शामिल हैं। इस क्लब में किसी दूसरे देश का शामिल होना संभव ही नहीं है क्योंकि अन्य किसी देश की इतनी आबादी ही नहीं है। ऑवर वर्ल्ड इन डेटा के वैक्सीन ट्रैकर आंकड़े बताते हैं कि डोज के मामले में भारत दूसरे नंबर पर है। इसके बाद अमेरिका, ब्राजील, जापान, इंडोनेशिया, तुर्की, मैक्सिको, रूस और ब्रिटेन का स्थान है।
जर्मनी और फ्रांस से कई गुना ज्यादा
सरकार की मानें तो भारत ने जापान की तुलना में पांच गुना अधिक, जर्मनी से नौ गुना अधिक और फ्रांस से तो दस गुना ज्यादा कोरोना वायरस वैक्सीन की डोज लोगों को लगाई है। भारत को जहां पहली 10 करोड़ डोज देने में 85 दिन लगे थे वहीं अंतिम 10 करोड़ टीकाकरण केवल 19 दिनों में पूरा किया गया। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 21 जून के बाद प्रति दिन औसत खुराक बढ़कर 60 लाख हो गई है। इसके पहले यह 18 लाख प्रतिदिन था।