हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की अमावस्या को हरियाली अमावस्या मनाई जाती है. यह पवित्र तिथि दान, स्नान और पूजा-पाठ के लिहाज से बहुत खास मानी जाती है. इस दिन पितरों की आत्मा की शांत के लिए श्राद्ध, तर्पण करने का भी विधान है.
ऐसी मान्यताएं हैं कि हरियाली अमावस्या पर 5 तरह के पौधे जरुर लगाने चाहिए, इससे पितृदोष, शनिदोष और कालसर्प दोष दूर होता है. आइए जानते हैं कि इस बार हरियाली अमावस्या कब पड़ रही है.
हरियाली अमावस्या की तिथि (Hariyali Amavasya 2023 Date)
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार सावन कृष्ण अमावस्या तिथि 16 जुलाई को रात 10 बजकर 08 मिनट से शुरू होगी और 17 जुलाई को सुबह 12 बजकर 01 मिनट पर इसका समापन होगा. ऐसे में उदयातिथि के चलते हरियाली अमावस्या का त्योहार 17 जुलाई दिन सोमवार को मनाया जाएगा.
हरियाली अमावस्या की पूजन विधि (Hariyali Amavasya 2023 Pujan Vidhi)
हरियाली अमावस्या के दिन स्नानादि के बाद साफ-सुथरे वस्त्र पहनें. एक चौकी पर भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें. भगवान शिव व पार्वती की पूजा करें. इस दिन शादीशुदा महिलाओं को शिव-पार्वती की पूजा करने के बाद सुहाग की सामग्री जरूरतमंदों में बांटनी चाहिए. जैसे कि हरी चूड़ियां, सिंदूर, बिंदी आदि.
हरियाली अमावस्या के दिन पूजा और दान-धर्म के कार्यों से सुहाग की आयु लंबी होती है. घर में आर्थिक संपन्नता बढ़ती है. इस दिन पीपल और तुलसी के पेड़ की पूजा करने का भी विधान है. हरियाली अमावस्या पर भगवान को मालपुआ का भोग लगाएं और लोगों में वितरित करें.
हरियाली अमावस्या के उपाय (Hariyali Amavasya 2023 Upay)
1. हरियाली अमावस्या पर सूर्यास्त के बाद पीपल के नीचे तिल के तेल का दीपक जलाएं. पांच तरह की मिठाइयों को अलग-अलग पांच पीपल के पत्तों पर रखें और ॐ सर्वेभ्यो पितृदेवेभ्यो नमः मंत्र का जाप करें.
2. सवा मीटर सफेद कपड़े में 250 ग्राम साबुत चावल, एक सूखा नारियल और 11 रुपये बांधकर 21 बार घुमाएं. इसके बाद इसे घर में किसी सुरक्षित स्थान पर रख दें. इससे आपके घर में हमेशा पितरों की कृपा बनी रहेगी.
3. हरियाली अमावस्या पर खीर बनाएं और उसे रोटी पर रखकर गाय को जरूर खिलाएं. आप किसी कुत्ते को सरसों के तेल की रोटी भी खिला सकते हैं. इससे आपको पितरों का आशीर्वाद मिलेगा.