पवनपुत्र और भगवान श्री राम के परम भक्त हनुमान हिंदू देवताओं में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। ऐसा माना जाता है कि सच्चे मन से बजरंगबली की पूजा करने से सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है।
अंजनीपुत्र हनुमान को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करने की सलाह दी जाती है। इस पाठ से जीवन की परेशानियां दूर हो सकती हैं और रोग व परेशानियां खत्म हो सकती हैं। हालाँकि यदि कोई हनुमान चालीसा का पाठ करने के सही तरीके और नियमों से अनजान है, तो वांछित परिणाम प्राप्त नहीं हो सकता है। इसलिए अब हम आपको हनुमान चालीसा का पाठ करने के नियम-कायदों के बारे में जानकारी देंगे।
हनुमान चालीसा का पाठ
इस प्रश्न का उत्तर हनुमान चालीसा की एक पंक्ति में ही दिया गया है। इसमें कहा गया है कि जो लोग इसका सौ बार पाठ करेंगे उन्हें मुक्ति का अनुभव होगा और आनंद मिलेगा। शास्त्रों के अनुसार हनुमान चालीसा का पाठ 100 बार करने की सलाह दी जाती है, लेकिन अगर यह संभव न हो तो कम से कम 7, 11 या 21 बार पाठ करना भी लाभकारी होता है।
हनुमान चालीसा का पाठ करने की विधि
बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करने से पहले नियमित रूप से स्नान अवश्य करें और साफ-सफाई को प्राथमिकता दें। हनुमान चालीसा का पाठ करते समय जमीन पर बैठना जरूरी है क्योंकि बिना आसन के पूजा करना अशुभ माना जाता है। हनुमान चालीसा का पाठ करने से पहले भगवान गणेश और भगवान श्री राम की पूजा करने की सलाह दी जाती है। एक बार जब आप ये अनुष्ठान पूरा कर लें, तो आप हनुमान चालीसा का पाठ करना शुरू कर सकते हैं।
हनुमान चालीसा का पाठ करने का उचित समय अभी है
भगवान श्री राम के परम भक्त अंजनीपुत्र हनुमान को प्रसन्न करने के लिए आप सुबह या शाम हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं। हालाँकि यह याद रखना ज़रूरी है कि हनुमान चालीसा का पाठ करने से पहले आपको स्नान करना चाहिए। इसके अतिरिक्त यदि आप शाम को पाठ करना चुनते हैं, तो पाठ के लिए बैठने से पहले अपने हाथ और पैर अच्छी तरह से धोना सुनिश्चित करें और साफ कपड़े पहनें।