सनातन धर्म में पूजा पाठ के अलावा कई ऐसे चिह्न है जिन्हें बेहद ही शुभ और सकारात्मकता से भरा माना जाता है। मान्यता है कि इन्हें घर या पूजन स्थल पर बनाने से शुभता चारों ओर व्याप्त रहती है और ईश्वर की कृपा भी बरसती है।
इन्हीं में से एक है स्वास्तिक का निशान। जिसे भगवान श्री गणेश का प्रतीक माना जाता है।
मान्यता है कि इस शुभ निशान को घर में बनाने से वास्तुदोष समाप्त हो जाता है। स्वास्तिक का निशान शुभ अवसरों पर बनाया जाता है। ऐसा करने से श्री गणेश की कृपा बरसती। लेकिन इसे बनाने से जुड़े कई नियम बताए गए है जिनका पालन करना बेहद जरूरी होता है। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बता रहे हैं कि स्वास्तिक का निशान बनाते वक्त किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है तो आइए जानते है।
स्वास्तिक बनाने से जुड़े नियम-
वास्तु अनुसार घर के प्रवेश द्वार पर अगर ये शुभ चिह्न बनाए जाए तो इससे घर का वास्तुदोष दूर हो जाता है। वही अगर आप लंबे वक्त से धन की कमी से जूझ रहे हैं या फिर कर्ज का बोझ बढ़ता ही जा रहा है और खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है तो ऐसे में आप इन परेशानियों से राहत पाने के लिए घर के मेन गेट पर स्वास्तिक का निशान जरूर बनाए और इसके लिए लाल रंग के कुमकुम का प्रयोग करें। लेकिन पूजन स्थल पर हमेशा ही हल्दी से स्वास्तिक बनाना चाहिए और इसके नीचे शुभ लाभ भी लिखना जरूरी होता है।
मान्यता है कि श्री गणेश के प्रतीक स्वास्तिक को बनाने से घर में धन, दौलत, सुख और शोहरत का आगमन होता है। ज्योतिष और वास्तु अनुसार स्वास्तिक को हमेशा ही नौ उंगली लंबा और चौड़ा बनाना चाहिए। मान्यता है कि अगर इन बातों का ध्यान रख कर स्वास्तिक बनाया जाए तो शुभ और सकारात्मक परिणाम देखने को मिलते है।