पूर्वी लद्दाख जहां चीन और भारत एलएसी के बहुत करीब दोनों तरफ से नजरें गड़ाए बैठे हैं। पैंगोंग लेक से एक बहुत बड़ी खबर सामने आ रही है। डेमियन साइमन एक भौगोलिक इंटेलिजेंस एक्सपर्ट हैं और उन्होंने इस इलाके की सैटेलाइट से खीची गई तस्वीरों को देखकर बताया है कि चीन अपनी सीमा की तरफ ही गोंग लेक के सबसे नजदीक इलाकों को जोड़ने के लिए पुल बना रहा है। इस पुल के तैयार होते ही चीन जब भी जरूरत पड़े तब पैंगोंग लेक के दक्षिणी किनारे पर फौरी तौर पर सैन्य असला तैनात करने में सफल हो जाएगा। साइमन ने इस सूचना के साथ जो नक्शा ट्विट किया है उसमें साफ दिखता है कि ये पुल लगभग तैयार हो चुका है। इस पुल का निर्माण प्री फैवरिकेटेर से हो रहा है और इसका लक्ष्य है भारत में 2020 में अगस्त महीने के अंत में चीन को छकाते हुए पैंगोंग लेक के दक्षिणी किनारे की चोटियों पर अपने सैनिक तैनात कर दिए थे। ऐसा फिर न हो जाए। चीन जहां ये पुल बना रहा है उस जगह का नाम खुरनाक है। इस पुल के बनने से पहले रूबौक में अपने सैनिक निकाय से चीन को खुरनाक पहुंचने के लिए 200 किलोमीटर का रास्ता तय करना पड़ता था। अब ये दूरी 50 किलोमीटर की रह जाएगा। द इंटेल लैब में जियोआईएनटी रिसर्चर डेमियन साइमन ने कहा, “निर्माण प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए भारी मशीनरी (क्रेन) भी लगाई गई है, जिससे खराब मौसम और बर्फबारी में काम जारी रह सकेगा।” एक नया ट्रैक भी देखा गया है जो कि ब्रिज को खुर्नक किले (पैंगोंग के उत्तरी किनारे) के पास एक सड़क नेटवर्क से जोड़ रहा है, जो इसे गाड़ी चलाने के लिए अच्छे से तैयार सड़क के जरिए उत्तर के इलाकों के साथ जोड़ता है।