रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपनी कूटनीति और युद्धनीति को लेकर चर्चा में रहे हैं। वह विश्व के किन देशों के साथ कैसा संबंध रखना है, यह बखूबी जानते हैं, तभी तो युद्ध ग्रस्त उत्तर अफ्रीकी देश सूडान के लिए वह ऐसी जरूरत और मजबूरी बने हुए हैं कि वह सूडान की सेना सूडानी आर्म्ड फोर्सेज (SAF) और उसी सेना के खिलाफ संघर्ष कर रहे रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) दोनों की जरूरत और मददगार बने खड़े हैं।
दरअसल, रूस सूडानी सेना को हथियारों की सप्लाई करता है, जबकि पुतिन अपनी वैगनर सेना के जरिए सूडान के रैपिड सपोर्ट फोर्सेज को भी हथियार उपलब्ध करा रहे हैं। विश्लेषकों के मुताबिक रूस ऐसा करके सूडान में यूक्रेन की सैन्य मौजूदगी से मुकाबला कर रहे हैं और इस क्षेत्र में अमेरिका के पीछे हटने के बाद कूटनीतिक शून्यता को भरने की कोशिश कर रहे हैं। मिडिल-ईस्ट आई की रिपो्र्ट के मुताबिक, सूडान की धरती पर 100 से 300 यूक्रेनी सैनिक मौजूद हैं, जो SAF के साथ मिलकर अत्यधिक ऊंचाई से रात को हमला करते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पुतिन की प्राइवेट आर्मी वैगनर सेना रूसी सरकार के समानांतर संयुक्त अरब अमीरात के रास्ते विद्रोही सशस्त्र बल RSF को हथियारों की आपूर्ति कर रहा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हाल के दिनों में सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिकन आर्म्ड फोर्सेज ने कई वैगनर लड़ाकों को पकड़ा है, जो RSF को हथियारों की सप्लाई कर रहे थे।
पिछले साल 15 अप्रैल को मुस्लिम बहुल सूडान में गृह युद्ध भड़क गया था। तब से लेकर अब तक यानी एक साल में वहां हजारों लोग मारे गए हैं, जबकि 80 लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं। इस गृह युद्ध के छिड़ने से पहले से ही रूस दोनों गुटों (SAF और RSF) के साथ मधुर संबंध बनाए हुए है। पिछले साल गृह युद्ध छिड़ने से पहले ही रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने सूडान की राजधानी खार्तूम का दौरा किया था, जहां उन्होंने सूडान के सेना प्रमुख अब्देल फतह अल-बुरहान और आरएसएफ नेता मोहम्मद हमदान दगालो, जो पूर्व जंजावीद कमांडर थे और जिन्हें हेमेती के नाम से जाना जाता है, के साथ अलग-अलग बैठकें की थीं।
डबल गेम के पीछे प्लान क्या?
सूडान लाल सागर के किनारे बसा है। सूडान के साथ मधुर संबंध और सैन्य सहयोग बढ़ाकर रूस इस क्षेत्र में अपना वर्चस्व और आधार बढ़ाना चाहता है। इसके अलावा रूस की नजर अपने ईंधन और हथियारों की सप्लाई के साथ-साथ सूडान के सोने की खान पर भी है। LSEG डेटा के अनुसार रूस ने अप्रैल के पहले हफ्ते में ही अपने दो टैंकरों से करीब 70,000 मीट्रिक टन डीजल की आपूर्ति सूडान पोर्ट तक की है। इसके अलावा रूसी कंपनियां वैगनर ग्रुप के साथ मिलकर सूडान में सोने के खनन में लगी हुई हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि फरवरी 2022 से फरवरी 2023 के बीच सूडान से करीब 32.7 टन सोने की तस्करी चार्टर विमानों के जरिए हो चुकी है, जिसकी कीमत 1.9 अरब डॉलर है। इन विमानों ने सीधे रूस की उड़ान न भरकर रूस समर्थित सीरिया के एयरबेस तक उड़ान भरी है। जहां से मास्को ने अपनी सुविधानुसार उसे ट्रांसपोर्ट किया है।