21वीं सदी में हम पहुंच गए हैं. हम अपनी मर्जी से जीने लगे हैं…फैसले लेने लगे हैं. कई मुद्दों पर खुलकर बोलने भी लगे हैं. लेकिन अभी भी हम अपने पार्टनर से सेक्सुअल हेल्थ पर बात नहीं कर पाते हैं. एक बिस्तर पर होते हुए भी पार्टनर से इस मुद्दे पर बात करना उन्हें अटपटा लगता है, या फिर शर्म महसूस करते हैं. अगर पार्टनर में से कोई एक इसपर बात करने की कोशिश करता है तो कभी-कभी दूसरा उसे रोक या टोक देता है. जिससे बात करने वाला पार्टनर शर्मिंदा हो जाता है. आज भी लोग इस मुद्दे पर पुरानी मानसिकता के शिकार हैं.
हाल ही में Badoo नाम के एक डेटिंग एप द्वारा जुटाए आंकड़े ये बताते हैं कि 52 फीसद लोग अपने पार्टनर से सेक्सुअल हेल्थ पर बात करने में हिचकिचाते हैं. इतना ही नहीं इस रिसर्च में यह भी बात सामने आया है कि पांच में से एक शख्स ने असुरक्षित यौन संबंध भी बनाए हैं, लेकिन मूड खराब होने के डर से इस मुद्दे पर बात करने से घबराते है.
इस डेटिंग एप के मुताबिक सेक्सुअल हेल्थ पर बातचीत करने के दौरान लोग अजीब महसूस करते हैं. सर्वे में भाग लेने वाले आधे से ज्यादा लोग इस बात से चिंतित थे कि ‘सेक्सुअल हेल्थ’ के बारे में बात करने से उन्हें लोग उन्हें जज करने लगेंगे. इसलिए कई लोग इस पर बात करने से बचते हैं.
लोगों की परेशानी कम करने उन्हें सेक्सुअल हेल्थ चेकअप कराने के लिए प्रेरित करने के लिए डेटिंग ऐप पर एसटीआई टेस्ट बुक किया गया. वर्ल्ड सेक्सुअल हेल्थ डे पर एसटीआई टेस्ट बुक किया गया. एक्सपर्ट को उम्मीद है कि इससे लोगों में बढ़ रही चिंताएं कम होंगी.
Badoo एप के मुताबिक, सेक्सुअल हेल्थ के विषय पर खुलकर बात करना 63 प्रतिशत लोगों को ही आकर्षक लगता है.वहीं, तीन में से एक पार्टनर ने कबूल किया कि कोरोना महामारी के दौरान वो अपने पार्टनर से ज्यादा ओपन रहे. उन्होंने सेक्सुअल हेल्थ पर पहले से ज्यादा बातचीत की.
सेक्सुअल रिलेशनशिप के बारे पांच में से दो लोगों का कहना था कि रिलेशनशिप के शुरुआती स्टेज की तुलना में उन्होंने ज्यादा ईमानदारी से रिश्ता निभाया है. सवाल यह है कि अपने पार्टनर से सेक्सुअल हेल्थ पर बातचीत करने से बचना ही क्यों है. आपके हर चीज से वो रूबरू होते हैं. पार्टनर एक दूसरे के लिए डॉक्टर मरीज दोनों हो सकते हैं. इसलिए अगर आपके अंदर कुछ कमी है तो उससे खुलकर बात करे.या फिर कोई चीज परेशान कर रही है तो वो भी बताए. इससे रिश्ते की डोर मजबूत होगी.