हिंदू धर्म में सूर्य पूजा का विशेष महत्व है। सूर्य को नौ ग्रहों का राजा माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र कहता है कि जिस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य मजबूत स्थिति में होता है उसे समाज में प्रसिद्धि और करियर में सफलता मिलती है।
इसलिए रोज सुबह सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। सूर्य को अर्घ्य देने से पहले कुछ बातों को जान लेना बेहद जरूरी है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ लोग सूर्य देव की पूजा करते समय अनजाने में कुछ गलतियां कर बैठते हैं। जिससे सूर्यदेव के प्रचंड कोप का सामना करना पड़ता है। अगर आप भी सूर्य की पूजा करते हैं तो इन बातों का ध्यान रखें।
सूर्य की पूजा करते समय रखें इन बातों का ध्यान
शास्त्रों के अनुसार सूर्य को अर्घ्य देते समय इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि आप तांबे के बर्तन का ही इस्तेमाल करें। तांबा एक पवित्र धातु है और इसे अर्घ्य देने के लिए बहुत शुभ माना जाता है।
शास्त्रों के अनुसार जब आप सुबह सूर्य को अर्घ्य दें तो ध्यान रखें कि आपका मुख पूर्व की ओर होना चाहिए, जैसे सूर्य पूर्व से उदय होता है, इसलिए उन्हें भी उसी दिशा में अर्घ्य दिया जाता है। अर्घ्य देने के लिए जल में सिंदूर, अक्षत, लाल पुष्प अर्पित करें।
शास्त्रों के अनुसार सूर्य को अर्घ्य देते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि दोनों हाथों को धीरे-धीरे ऊपर उठाकर अर्पित करें और जल आपके पैरों के नीचे न आए। अर्घ्य देने के साथ ही सूर्य मंत्र का जाप करना चाहिए।
शास्त्रों के अनुसार सूर्य को अर्घ्य देते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अंगूठा और तर्जनी एक साथ न आएं और कोई अंगुली जल को स्पर्श न करे।
शास्त्रों के अनुसार सूर्य देव को तीन बार जल चढ़ाने की परंपरा है। अर्घ्य देने के बाद पहली बार परिक्रमा करें। इस पुनरावृत्ति के बाद इसे तीन बार करना चाहिए। स्पष्ट शब्दों में तीन बार अर्घ्य देने के साथ-साथ तीन परिक्रमा करनी चाहिए।