सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को मानसिक रोगियों की कोराना जांच और टीकाकरण सुनिश्चित करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा, सरकार को इनके प्रति गंभीर होने की जरूरत है। मानसिक स्वास्थ्य देखभाल केंद्र में जाकर ही इन लोगों को टीका लगाया जाए और इनके कोरोना की जांच की जाए।
आठ हजार लोग ठीके होने के बाद भी अस्पताल में
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमबी शाह की पीठ ने केंद्र व राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि मानसिक स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों में रह रहे मरीजों का टीकाकरण हो। पीठ 8000 से अधिक मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों के पुनर्वास की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। ये वे लोग हैं जो ठीक हो चुके हैं, लेकिन अभी भी अस्पताल या मानसिक रोगियों वाले गृह में हैं।
मनोरोगियों को भिक्षु गृह न भेजे महाराष्ट्र सरकार
वकील गौरव कुमार बंसल ने पीठ को बताया कि मानसिक स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों के रोगियों को कोविड का टीका नहीं लगा है, लिहाजा उनके टीकाकरण को लेकर निर्देश जारी किया जाना चाहिए। बंसल ने पीठ को यह भी बताया कि महाराष्ट्र में मानसिक रोगियों को भिक्षु गृह या वृद्धाश्रमों में भेजा जा रहा है। इस पर दुख जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि ऐसा नहीं होना चाहिए।
12 जुलाई को होगी सभी राज्यों की बैठक
वहीं मानसिक रोग से ठीक हो चुके लोगों के पुनर्वास मामले में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल माधवी दीवान ने पीठ को बताया कि कोविड-19 के कारण पिछले साल से ठीक होने वाले रोगियों की संख्या और जिन्हें अभी भी उपचार की आवश्यकता है, के आंकड़ों में विसंगतियों पर राज्यों से चर्चा करने के लिए बैठक नहीं बुलाई जा सकी है।