कोलकाताः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ को सोमवार को एक ”भ्रष्ट व्यक्ति” कहा और उनकी हाल की उत्तर बंगाल यात्रा के उद्देश्य पर सवाल उठाया।
राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री के आरोप दुर्भाग्यपूर्ण, उन्हें जैन हवाला मामले के उस आरोप-पत्र का उल्लेख करना चाहिए, जिसमें मेरा नाम था। राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि जैन हवाला मामले के आरोप -पत्र में कभी मेरा नाम नहीं था, जैसा कि बंगाल की मुख्यमंत्री आरोप लगा रही हैं।
अचानक उत्तर बंगाल का दौरा क्यों किया?
ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि राज्य के उत्तरी हिस्से को विभाजित करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। उन्होंने राज्य सचिवालय में संवाददाताओं से कहा, ”वह एक भ्रष्ट आदमी हैं। उनका नाम 1996 के हवाला जैन मामले के आरोप पत्र में था। केंद्र सरकार ने राज्यपाल को इस तरह से बने रहने की अनुमति क्यों दी है?’ बनर्जी ने कहा कि धनखड़ का उत्तर बंगाल दौरा एक ”राजनीतिक हथकंडा” था क्योंकि वह केवल भाजपा के विधायकों और सांसदों से मिले थे।
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, ”उन्होंने अचानक उत्तर बंगाल का दौरा क्यों किया? मुझे उत्तर बंगाल को बांटने के षड्यंत्र का आभास हो रहा है।” तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ने कहा कि वह धनखड़ को हटाने के लिए केंद्र को कई पत्र लिख चुकी हैं। बनर्जी ने कहा, ”संविधान के अनुसार, मैं उनसे मिलना, उनसे बात करना और सभी शिष्टाचार का पालन करना जारी रखूंगी.. किंतु केंद्र सरकार को मेरे पत्रों के आधार पर कार्य करना चाहिए।”
”झूठ और गलत सूचना” फैलाने का आरोप लगाया
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उस आरोप को सोमवार को खारिज किया कि वह एक ”भ्रष्ट” व्यक्ति हैं और उनका नाम जैन हवाला मामले के आरोप पत्र में था। उन्होंने मुख्यमंत्री बनर्जी पर ”झूठ और गलत सूचना” फैलाने का आरोप लगाया।
धनखड़ ने पत्रकारों से कहा, ”मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा लगाए गए आरोपों में रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह गलत सूचना फैला रही है और तथ्यों की गलत व्याख्या कर रही है। एक मुख्यमंत्री को इस तरह के आरोप लगाना शोभा नहीं देता।” उन्होंने बनर्जी को अपनी ”छोटी बहन” के रूप में बताते हुए कहा, ”उन्हें उस आरोप पत्र का नाम बताना चाहिए जिसमें मेरा नाम था। जैन हवाला मामले में किसी भी आरोप-पत्र में मेरा नाम नहीं लिया गया था।”
जैन हवाला मामला 1990 के दशक में एक बहुत बड़ा राजनीतिक और वित्तीय घोटाला था जिसमें हवाला चैनलों के माध्यम से धन विभिन्न दलों के शीर्ष राजनीतिज्ञों को दिए जाने का दावा किया गया था। नामित लोगों में लालकृष्ण आडवाणी, वीसी शुक्ला, शरद यादव और कई अन्य शामिल थे। हालांकि, उनके खिलाफ लगाए गए आरोप कानूनी जांच में नहीं टिक पाये थे।
धनखड़ ने कहा, ”उनके संवाददाता सम्मेलन से ठीक 10 मिनट पहले, मुझे उनका फोन आया। मैंने राज्यपाल के भाषण के संबंध में कुछ प्रश्न रखे। उन्होंने कहा कि उनका (भाषण से) कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि मंत्रिमंडल ने इसे पारित कर दिया है। ऐसा लगता है कि संवाददाता सम्मेलन में उनकी टिप्पणी इसी पर त्वरित प्रतिक्रिया है।”