लगातार बढ़ रही पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर कांग्रेस ने अब सरकार को घेरना शुरू किया है। कांग्रेस की योजना है कि पांच राज्यों के आगामी विधानसभा चुनावों में तेल की बेहताशा कीमतों पर केंद्र सरकार को घेरा जाए। इसकी पूरी भूमिका बनने लगी है।
पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने कई बिंदुओं पर केंद्र सरकार से सवाल किए हैं। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि बढ़ती हुई पेट्रोल और डीजल की कीमतें लोगों की कमर तोड़ रही है। इसलिए इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा कर सवाल तो पूछना ही चाहिए।
आगामी पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है। कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार न सिर्फ कोरोना बल्कि देश में बढ़ती हुई महंगाई और खास तौर पर डीजल और पेट्रोल की कीमतों पर लगाम लगाने में फेल रही है। बीते कुछ दिनों में पेट्रोल और डीजल की बढ़ रहीं कीमतें निश्चित तौर पर लोगों को परेशान कर रही हैं।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रही है। यही वजह है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें कम होने के बाद भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है। कई राज्यों में तो पेट्रोल 100 रुपये लीटर से भी ज्यादा महंगा बिक रहा है।
सभी राज्यों में होंगे विरोध प्रदर्शन
कांग्रेस ने बढ़े हुए डीजल और पेट्रोल की कीमतों का विरोध करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से तैयारियां की हैं। खासतौर से जिन राज्यों में चुनाव होना है और भाजपा शासित सरकारें हैं वहां पर इसके विरोध करने के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सूचित किया जा चुका है। सभी राज्यों के प्रदेश कार्यकारिणी ने जिला तहसील ब्लाक और छोटे शहरों से लेकर गांव स्तर तक पर अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से पेट्रोल और डीजल के विरोध के लिए न सिर्फ सोशल मीडिया बल्कि जहां पर आवश्यक हो वहां पर सामाजिक दूरी को ध्यान में रखते हुए विरोध करने के लिए कहा गया है। कांग्रेस के कोषाध्यक्ष पवन बंसल कहते हैं कि केंद्र सरकार बढ़ी हुई डीजल और पेट्रोल की कीमतों को रोकने में नाकाम रही है।