आतंकी संगठन हमास के साथ जारी युद्ध के बीच इजरायल अब संयुक्त राष्ट्र पर अपनी भड़ास निकाल रहा है। इजरायल का कहना है कि उसने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की टिप्पणियों के परिणामस्वरूप संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ को वीजा देने से इनकार कर दिया है।
इजरायली मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के राजदूत गिलाद एर्दान ने सेना रेडियो पर कहा कि उनका देश ‘यूएन को सबक सिखाना चाहता है।’ दरअसल इससे पहले संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा था कि हमास ने इजरायल पर हमला ‘अकारण’ नहीं किया है। उनकी इस टिप्पणी से इजरायल नाराज हो गया है और उसने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख से इस्तीफे व माफी की मांग की है। इजरायल के विदेश मंत्री एली कोहेन ने सुरक्षा परिषद की मंत्रिस्तरीय बैठक में शिरकत की थी।
सबक सिखाने का समय आ गया – इजरायली दूत
इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के राजदूत ने बुधवार को कहा कि महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की टिप्पणियों के बाद इजरायल संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों के लिए वीजा रोक देगा। इजरायली दूत गिलाद एर्दान ने बुधवार को इजरायली आर्मी रेडियो को बताया, “उनकी टिप्पणी के परिणामस्वरूप, हम संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधियों को वीजा देने से इनकार कर देंगे। उन्हें सबक सिखाने का समय आ गया है।” उन्होंने कहा कि इजरायल पहले ही संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के अवर महासचिव और आपातकालीन राहत समन्वयक मार्टिन ग्रिफिथ्स के वीजा आवेदन को खारिज कर चुका है।
इससे पहले इजरायल के विदेश मंत्री एली कोहेन ने सुरक्षा परिषद की मंत्रिस्तरीय बैठक में शिरकत की थी। उन्हें मंगलवार दोपहर संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में गुतारेस से मुलाकात करनी थी। लेकिन कोहेन ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव के साथ अपनी भेंट को रद्द कर दिया और उनपर आतंकवाद को “बर्दाश्त करने और उचित ठहराने” का आरोप लगाया।
क्या बोल गए संयुक्त राष्ट्र प्रमुख
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा, “यह भी मानना महत्वपूर्ण है कि हमास द्वारा किए गए हमले अकारण नहीं हुए। फलस्तीन के लोगों को 56 वर्षों से घुटन भरे कब्जे का सामना करना पड़ रहा है।” गुतारेस ने कहा, “ उन्होंने अपनी ज़मीन को लगातार (यहूदी) बस्तियों द्वारा हड़पते और हिंसा से ग्रस्त होते देखा है। उनकी अर्थव्यवस्था चरमरा गई। उनके लोग विस्थापित हो गए और उनके घर ध्वस्त कर दिये गए। अपनी दुर्दशा के राजनीतिक समाधान की उनकी उम्मीदें खत्म होती जा रही हैं।” उन्होंने कहा, “लेकिन फलस्तीनियों की शिकायतों को हमास के भयावह हमलों से उचित नहीं ठहराया जा सकता है। और वे भयावह हमले फलस्तीनी लोगों की सामूहिक दंड को उचित नहीं ठहरा सकते है।’
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में, कोहेन ने कहा कि वह “संयुक्त राष्ट्र महासचिव से नहीं मिलेंगे। सात अक्टूबर के नरसंहार” के बाद, संतुलित दृष्टिकोण के लिए कोई जगह नहीं है। हमास को धरती से मिटा देना चाहिए।” बाद में संयुक्त राष्ट्र में इज़राइल के राजदूत गिलाद एर्दान ने कहा, “ महासचिव महोदय, आप सारी नैतिकता और निष्पक्षता खो चुके हैं। जब आप ये भयानक शब्द कहते हैं कि ये जघन्य हमले अकारण नहीं हुए हैं तो आप आतंकवाद को सहन कर रहे हैं और आतंकवाद को सहन करके आप आतंकवाद को उचित ठहरा रहे हैं।” उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि महासचिव को इस्तीफा दे देना चाहिए। हमने उनसे माफी की मांग करते हैं।”