हिमाचल प्रदेश में टॉयलेट टैक्स के बाद अब समोसा कांड काफी चर्चा में है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पहली बार इस मुद्दे पर अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा, सच का सामना हमेशा झूठ के साथ होता है और समय आने पर सच की जीत होती है।
सीएम सुक्खू ने मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तंज भरे लहजे में कहा कि जब मैं कांग्रेस के दफ्तर पहुंचा तो पवन खेड़ा ने मुझे समोसा खिलाया। तब मैंने पूछा कि यहां की राजनीति समोसे पर हो रही है या फिर विकास, महिलाओं के सम्मान पर हो रही है।
उन्होंने कहा, महाराष्ट्र की तरह हिमाचल में भी ऑपरेशन लोटस हुआ। जिन गलतियों को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेता हर बार सियासी रोटियां सेंकते हैं, मैं पहले उनपर बात करना चाहता हूं। हमारी सरकार ने पहली ही कैबिनेट में सभी सरकारी कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम से नवाजा है। इसके अलावा अपने वादों को पूरा करने में सरकार ने कसर नहीं छोड़ी है।
क्या है समोसा कांड
21 अक्टूबर को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू सीआईडी के कार्यालय गए थे। यहां समोसे और केक का ऑर्डर दिया गया था। लेकिन हुआ यह कि खाने के ये सामान सीएम तक नहीं पहुंचे और सुरक्षाकर्मियों को परोस दिए गए। इसके बाद इस मामले की सीआईडी जांच शुरू हो गई। जांच में कहा गया कि सीएम के लिए लाए गए समोसे और केक को स्टाफ को परोस दिया गया। एक सीनियर अधिकारी ने लिखा, सीआईडी इस कृत्य का विरोध करती है।
जांच में पता चला कि अधिकारियों और कर्मचारियों की गलती से खाने का सामान सीएम के स्टाफ को परोस दिए गए। एक अधिकारी ने लिखा कि कुछ लोगों ने सीआईडी विरोधी और सरकार विरोधी काम किया है। इसीलिए समोसे और केक वीवीआईपी तक नहीं पहुंचे। एक अजेंडे के तहत यह काम किया गया है। समोसे और केक का ऑर्डर शिमला के रेडिशन ब्लू होटल से दिया गया था। होटल से समोसे और तीन डिब्बे केक आया था और एक महिला अधिकारी ने इसे रिसीव किया था।
पूछताछ के दौरान अधिकारियों ने दावा किया कि ड्यूटी पर मौजूद पर्यटन विभाग के कर्मियों ने कहा था कि बक्से की चीजें सीएम के खाने के मेन्यू में नहीं थीं। आगे की जांच में पाया गया कि महिला इन्सपेक्टर को सूचित नहीं किया गया था कि बक्से वाली चीजें मुख्यमंत्री के लिए थीं। इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद बीजेपी ने कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लिया। विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल सरकार जिस तरह से फैसले लेती है वह पूरे देश में चर्चा का मुद्दा हैं। एक यह भी मामला है कि जहां समोसे पहुंचने चाहिए थे वहां नहीं पहुंचे और बड़े-बड़े मुद्दे छोड़कर इसपर जांच हो रही है। यहां तक कहा जा रहा है कि समोसे ना पहुंचना सरकार विरोधी गतिविधि है।