महाराष्ट्र में शिवसेना नेता संजय राउत ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बालासाहेब ने 56 साल पहले हिंदुत्व को ध्यान में रखकर शिवसेना की स्थापना की थी। अब चुनाव आयोग इस पर सवाल उठा रहा है। यह महाराष्ट्र के लोगों के लिए बेहद शॉकिंग हैं। राउत की यह प्रतिक्रिया चुनाव आयोग के उस आदेश के बाद आई है, जिसमें उसने शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट से शिवसेना में नेताओं की मेजॉरिटी साबित करने संबंधी कागजात मांगे हैं।
संजय राउत ने कहा कि आज उद्धव ठाकरे ही शिवसेना के एकमात्र नेता हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली हमारी पार्टी को बर्बाद करना चाहती है। वहीं चुनाव आयोग ने चुनाव चिन्ह (रिजर्वेशन एंड एलॉटमेंट) आदेश 1968 के पैराग्राफ 15 के तहत दोनों पक्षों से कागजात मांगे हैं। इससे पूर्व शिंदे गुट ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर शिवसेना का चुनाव चिन्ह धनुष-बाण खुद को दिए जाने की मांग की थी। इसके पीछे उन्होंने लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा में मौजूद अपनी संख्या को आधार बनाया है।
गौरतलब है कि पिछले महीने शिवसेना के दो तिहाई विधायकों ने बगावत कर दी थी। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में यह विधायक गुवाहाटी चले गए थे। इसके बाद कुछ दिनों के नाटकीय घटनाक्रम के तहत शिंदे गुट ने उद्धव ठाकरे सरकार से समर्थन वापस ले लिया था और सरकार गिर गई थी। इसके बाद भाजपा के समर्थन से एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र में सरकार बना ली थी। फिलहाल ठाकरे और शिंदे पक्ष में पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह को लेकर टकराव जारी है।