हर साल होने वाली पवित्र कांवड़ यात्रा को उत्तराखंड सरकार ने मंजूरी देने से इंकार कर कर दिया। लेकिन वहीं, दूसरी तरफ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रा पर अहम निर्णय लेते हुए इसकी अनुमति प्रदान कर दी है। शिवभक्तों के लिए सीएम योगी का यह आदेश काफी अहम है, क्योंकि कांवड़ यात्रा श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़ी हुई है और भक्त काफी भावनात्मक रुप से इससे लगाव रखते है।
उधर, उत्तराखंड के डीजीपी ने किसी कांवड़ यात्री को प्रदेश में घुसने नहीं देने की चेतावनी दी है। बताया जा रहा है कि कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तराखंड के सीएम धामी ने भी सीएम योगी से बातचीत की है। सीएम योगी ने कहा कि 25 जुलाई से शिवभक्तों की परंपरागत रूप से कांवड़ यात्रा प्रारंभ हो रही है।
श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या उत्तराखंड और बिहार आदि राज्यों में जलाभिषेक के लिए जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड काल के मद्देनजर संबंधित राज्यों से संवाद कर यात्रा के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जाएं और यात्रा को पूरा कराया जाए।
इस साल 26 जुलाई से सावन माह शुरू हो रहा है। उससे एक दिन पहले शिवभक्तों की कांवड़ यात्रा शुरू होगी। योगी सरकार हर साल कांवड़ियों के लिए विशेष इंतजाम भी करती रही है। इसके लिए उन्हें जगह-जगह पानी, आराम की सुविधा के साथ ही उनके स्वागत में हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा आदि भी की जाती है।
दूसरी ओर, उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा पर इस साल भी बैन लगा दिया है। कोरोना महामारी के मद्देनजर राज्य सरकार ने ये फैसला लिया है। प्रतिबंद के बावजूद भी अगर कोई हरिद्वार पहुंचा तो उसे 14 दिन के लिए पृथकवास में भेजा जा सकता है। पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत ने तीसरी लहर के मद्देनजर कांवड़ यात्रा पर पूर्णरूप से प्रतिबंद लगाया था।
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार की अध्यक्षता में आज देहरादून में कांवड यात्रा को लेकर 8 राज्यों के पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक हुई। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे अपने-अपने राज्यों में थाना स्तर पर बैठक कर प्रतिबंध की जानकारी दें।