सनातन धर्म में शिव शंकर को देवों का देव महादेव माना गया है। मात्र भोलेनाथ ही एक ऐसे देवता हैं जिनकी पूजा शिवलिंग रूप में भी की जाती है। अधिकतर भक्त भगवान को प्रसन्न करने व उनका आशीष पाने के लिए प्रभु की विधिवत पूजा और व्रत करते हैं मान्यता है कि भोलेनाथ की कृपा जिस पर हो जाती है उसका काल भी कुछ नहीं कर सकता है।
ऐसे में अगर आप भोले बाबा के शिवलिंग रूप की पूजा कर रहे हैं तो ज्योतिष व धार्मिक तौर पर कुछ नियम व तरीके बताए गए हैं जिनका पालन करना जरूरी है वरना भोलेनाथ क्रोधित हो सकते हैं तो आज हम आपको शिवलिंग पूजा से जुड़े नियम व जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते है।
शिवलिंग पूजा में न चढ़ाएं ये चीजें-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव की पूजा में भूलकर भी तुलसी का प्रयोग नहीं करना चाहिए इसे अच्छा नहीं माना जाता है। मान्यता है कि शिवलिंग पर तुलसी अर्पित करने से भगवान क्रोधित हो सकते है। जिसके कारण साधक को कष्टों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा शिवलिंग का अभिषेक कभी भी शंख से नहीं करना चाहिए शिव पूजा में शंख का इस्तेमाल वर्जित माना गया है।
ऐसा ना करने वालों को पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है। वही शिव पूजा में भूलकर भी नारियल के पानी का प्रयोग नहीं करना चाहिए जबकि आप पूरा नारियल प्रभु को अर्पित कर सकते है। लेकिन नारियल पानी चढ़ाने से भोलेबाबा क्रोधित हो सकते है। ऐसे में इससे बचना चाहिए। इसके अलावा शिव को कभी भी लाल पुष्प, केतकी, चंपा और केवड़े के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए इन्हें शिव पर अर्पित करना वर्जित माना गया है।