अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर में वाल्मीकि रामायण को चित्रों के माध्यम से सहेजा जा रहा है। वाल्मीकि रामायण के छह कांड (बाल कांड से लेकर लंका कांड) के प्रमुख 98 श्लोकों को भित्तिचित्रों के माध्यम से निचले राम चबूतरे पर उकेरा जा रहा है।
राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा जनवरी में करने के लिए अगले 120 दिन में इसके प्रथम चरण के तहत महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करने पर तेजी से काम जारी है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के एक सदस्य ने बताया, ‘‘ श्री राम जन्मभूमि मंदिर के प्रथम तल का निर्माण कार्य जोरशोर से जारी है। प्रथम चरण के महत्वपूर्ण कार्यों को नवंबर तक पूरा करने का काम जारी है और कोशिश होगी कि यह दीपावली तक हो जाए तो बेहतर रहेगा।’’
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उन्होंने बताया कि राम मंदिर में स्तंभों, पीठिका तथा अन्य स्थानों पर आध्यात्मिक पौराणिक ग्रंथों में वर्णित कथाओं के आधार पर मूर्तियों का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण के महत्वपूर्ण निर्माण कार्यों में गर्भगृह, पांच मंडप, भूतल, निचला चबूतरा एवं पूर्वी प्रवेश द्वार शामिल हैं। उन्होंने बताया कि निचले चबूतरे पर ‘रामकथा’ उकेरी जा रही है, जिसमें वाल्मीकि रामायण के 98 प्रमुख श्लोकों के आधार पर 98 भित्तिचित्र शामिल हैं। वाल्मीकि रामायण में कुल 24000 श्लोक हैं। पिछले महीने मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्रा ने कहा था कि मंदिर ट्रस्ट को रामलला की प्रतिमा में प्राण प्रतिष्ठा के लिए देश के शीर्ष ज्योतिषियों ने 21, 22, 24 और 25 जनवरी को शुभ मुहूर्त बताया है। वहीं, न्यास के एक अन्य सदस्य परमानंद गिरि जी महाराज ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को लेकर किसी भी अनुकूल तारीख के बारे में प्रधानमंत्री से आग्रह किया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और कोषाध्यक्ष गोविंद गिरि जी महाराज की सदस्यता वाली एक समिति का गठन किया गया है, जिसे इस बात पर विचार करने की जि मेदारी सौंपी गई है कि राम लला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में किन्हें आमंत्रित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसमें निश्चित तौर पर साधु- संतों को महत्व दिया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि देश के गांव में लोग प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को कैसे देख सकें, विदेशों में इसे कैसे दिखाया जाए.. इस पर भी काम जारी है। उन्होंने बताया कि विदेश में कार्यक्रम को पहुंचाने के लिए दूतावासों से संपर्क किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 2024 की जनवरी में मकर संक्रांति के बाद से करीब एक सप्ताह तक भजन-कीर्तन आदि का आयोजन किया जाएगा, जिसमें देश के गांवों, कस्बों आदि से पांच लाख मंदिर एवं मठों को जोड़ने की योजना है। राम मंदिर में करीब 400 खंभे होंगे, जिसमें भूतल में करीब 160 खंभे और प्रथम तल पर 132 खंभे और दूसरे तल पर 72 खंभे होंगे। इसमें 46 दरवाजे होंगे, जो सागवान की लकड़ी के बने होंगे।
सूत्रों ने बताया, ‘‘खंभे का निर्माण काफी महीन एवं जटिल काम है, क्योंकि प्रत्येक खंभे पर 14-16 मूर्तियां बनाई जा रही हैं।’’ समझा जाता है कि कुल 3600 मूर्तियों का निर्माण किया जाएगा, जो मंदिर को भव्यता प्रदान करेंगे।