घर-घर राशन पहुंचाने की योजना पर दांव लगाए बैठी दिल्ली सरकार के सुप्रीम कोर्ट में दिए गए वक्तव्य को ही केंद्र सरकार ने कठघरे में खड़ा कर दिया है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना लागू करने के बारे में दिल्ली सरकार गुमराह कर रही है। दिल्ली ने सिर्फ एक सर्किल में योजना लागू की है। जब तक सभी राशन दुकानों पर ये व्यवस्था लागू नहीं होती तब तक योजना लागू करना नहीं कहा जाएगा।
बढ़ेगी सियासी खींचतान
केंद्र ने ये बात सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए लिखित नोट में कही है। जाहिर है अब खींचतान बढ़ेगी और दिल्ली सरकार को कोर्ट में साबित करना पड़ सकता है कि उसने योजना लागू की है या नहीं।
बढ़ सकती दिल्ली सरकार की परेशानी
प्रवासी मजदूरों की दिक्कतों को मुद्दे पर सुनवाई करते हुए पिछली तारीख पर सुप्रीम कोर्ट ने वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना लागू करने के बारे में पूछा था। तभी केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया था कि दिल्ली, बंगाल, छत्तीसगढ़ और असम ने योजना लागू नहीं की है। इस बात का दिल्ली सरकार के वकील ने खंडन किया और अपने हलफनामे में योजना लागू करने का हवाला दे दिया। अब जबकि केंद्र ने लिखित रूप में शिकायत की है तो दिल्ली सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
मात्र 42 ईपीओएस हो रहीं इस्तेमाल
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल लिखित नोट में कहा है कि वन नेशन वन राशन कार्ड योजना लागू दिल्ली ने सिर्फ सर्किल 63 सीमापुरी में ही लागू की है। इस सर्किल में करीब 42 इलेक्ट्रानिक प्वाइंट आफ सेल (इपीओएस) मशीनों से राशन दिया जा रहा है। इसे योजना लागू करना नहीं कहा जा सकता। क्योंकि सभी सर्किलों की राशन दुकानों पर 2000 से ज्यादा इपीओएस मशीनों के जरिए वितरण होना चाहिए।
अन्य योजनाओं का हाल भी ठीक नहीं
केंद्र ने कहा कि दिल्ली में बड़ी संख्या में अंतरराज्यीय प्रवासी रहते हैं। प्रवासी कामगार, निर्माण कार्य में लगे मजदूर, कचरा बनने वाले, रिक्शे वाले, आटो चालक आदि खाद्य सुरक्षा कानून के तहत रियायती दर पर अपने कोटे का राशन नहीं ले पा रहे हैं। क्योंकि दिल्ली में वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना पूरी तरह लागू नहीं है।