वक्फ कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सीजेआई ने कहा कि अनुच्छेद 26 धर्मनिरपेक्ष है और यह सभी समुदायों पर लागू होता है। इस बीच, वक्फ कानून को लेकर ऑल इंडिया जमात रजा-ए-मुस्तफा के सदस्य मौलाना इरफान की प्रतिक्रिया आई। उन्होंने कहा कि कोर्ट से पूरी उम्मीद है कि हमें न्याय मिलेगा।
ऑल इंडिया जमात रजा-ए-मुस्तफा के सदस्य मौलाना इरफान ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “बरेली में स्थित हमारी संस्था 125 साल पुरानी है और इस संस्था के तहत वक्फ बिल के खिलाफ याचिका दायर की गई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। इसमें (वक्फ) कई अनियमितताएं हैं, इसमें कई चीजें ऐसी हैं, जो कानून के खिलाफ हैं। हमें कोर्ट से पूरी उम्मीद है कि हमें न्याय मिलेगा और जो भी दिक्कत अल्पसंख्यक समाज को है, सुप्रीम कोर्ट उस पर रोक लगाएगी।”
उन्होंने आगे कहा, “जो लोग वक्फ प्रॉपर्टी की सुरक्षा की बात कर रहे हैं, वे ही असलियत में इसके साथ खिलवाड़ करना चाहते हैं। वे चोर दरवाजे से दाखिल होकर वक्फ में दखल देने की कोशिश कर रहे हैं। मैं इतना ही कहूंगा कि इससे पहले भी कई बिल लाए गए और सुप्रीम कोर्ट ने उसका संज्ञान लिया, जिसमें उन्हें इंसाफ भी मिला। हमारा मानना है कि सुप्रीम कोर्ट देश के मुस्लिमों की भावनाओं को मद्देनजर रखकर अपना फैसला सुनाएगा।”
वक्फ कानून को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान वकील कपिल सिब्बल ने अनुच्छेद 26 का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अगर मुझे वक्फ बनाना है तो मुझे सबूत देना होगा कि मैं 5 साल से इस्लाम का पालन कर रहा हूं, अगर मैं मुस्लिम ही जन्मा हूं तो मैं ऐसा क्यों करूंगा? मेरा पर्सनल लॉ यहां पर लागू होगा। अगर वक्फ बनाने वाला कागजात देता है तो वक्फ कायम रहेगा। इस पर सीजेआई ने कहा कि अनुच्छेद 26 धर्मनिरपेक्ष है और यह सभी समुदायों पर लागू होता है।