अमेरिका के सरकारी दक्षता विभाग ने भारत के चुनाव से जुड़ी 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग को रद्द कर दिया है। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने इसे लेकर भाजपा को घेरा। उन्होंने आशंका जताते हुए कहा कि इसकी भारत में भी जांच होनी चाहिए और सच्चाई सामने आनी चाहिए।
उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए आरोप लगाया कि दिल्ली में बीजेपी उम्मीदवारों ने जनता के बीच भारी मात्रा में पैसा बांटा, लेकिन चुनाव आयोग ने इस पर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि यह बात पूरी दिल्ली जानती है, सिवाय चुनाव आयोग के। उन्होंने इस पर भी सवाल उठाया कि जब हाल ही में प्रधानमंत्री अमेरिका गए थे, तो उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से इस मुद्दे पर बात क्यों नहीं की और इसे क्यों नहीं उठाया?
राशिद अल्वी ने कहा कि इस मामले की गहराई से जांच होनी चाहिए ताकि स्पष्ट हो सके कि यह पैसा भारत में कैसे आया, कहां से आया और किसे दिया गया? उन्होंने कहा कि अमेरिका की ओर से इस तरह का बयान आने से संदेह और बढ़ जाता है। सरकार को इस मामले में पारदर्शिता रखनी चाहिए और जनता को सच्चाई से अवगत कराना चाहिए।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता से जब आगामी चुनावों में कांग्रेस की रणनीति को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान समय में देश के सामने सबसे बड़ा खतरा उन ताकतों से है, जो संविधान और लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ कर रही हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख के हालिया बयान, जिसमें उन्होंने सभी हिंदुओं से एकजुट होने की अपील की थी, से देश कमजोर होगा और संविधान की मूल भावना प्रभावित होगी। अगर एक समुदाय इस तरह संगठित होगा, तो अन्य समुदायों में भी इसी तरह की प्रवृत्ति बढ़ेगी, जिससे सामाजिक समरसता को नुकसान पहुंचेगा।
उन्होंने आगे कहा कि ऐसे समय में कांग्रेस पार्टी को अपने गठबंधन के सहयोगियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहिए ताकि भारतीय जनता पार्टी को पराजित किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि चाहे बिहार हो या अन्य राज्य, सभी जगह कांग्रेस को मजबूत गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ना चाहिए ताकि देश को मजबूत किया जा सके और लोकतंत्र की रक्षा की जा सके। राशिद अल्वी ने इस बात पर जोर दिया कि गठबंधन की राजनीति ही वर्तमान समय की सबसे बड़ी जरूरत है और विपक्ष को एकजुट होकर भाजपा को हराने के लिए रणनीति बनानी चाहिए।