हिंदू धर्म में कई सारे व्रत त्योहार मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है। लेकिन एकादशी इन सभी में महत्वपूर्ण मानी जाती है जो कि हर माह में दो बार पड़ती है।
अभी वैशाख का महीना चल रहा है और इस महीने पड़ने वाली एकादशी को वरुथिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है।
पंचांग के अनुसार वैशाख मास के कृष्ण पक्ष में एकादशी का व्रत किया जाता है जो कि इस बार 16 अप्रैल दिन रविवार यानी कल पड़ रही है। ये तिथि श्री हरि की पूजा को समर्पित होती है इस दिन भक्त भगवान विष्णु की विधिवत पूजा और व्रत करते है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से साधक के सभी पापों का नाश हो जाता है और सुख में वृद्धि होती है। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा वरुथिनी एकादशी व्रत पूजन की संपूर्ण पूजा विधि बता रहे हैं तो आइए जानते है।
एकादशी व्रत की विधि-
आपको बता दें कि इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद व्रत पूजन का संकल्प कर। भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करें साथ ही अपनी इच्छा अनुसार श्री हरि के मंत्र ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ का जप करते रहना चाहिए।
इस दिन भगवान को रोली, मोली, पीले चंदन, अक्षत, पीले पुष्प, ऋतुफल, मिष्ठान आदि अर्पित कर धूप दीपक दिखाएं और भगवान की आरती करें। इसके बाद दीपदान जरूर करें। इस दिन श्री हरि विष्णु की चालीसा, सहस्रनाम का पाठ करना फलदायी माना जाता है। इस दिन आप गरीबों व जरूरतमंदों को अन्न, धन का दान भी कर सकते है। ऐसा करने से भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी का भी आशीष प्राप्त होता है।