बहुचर्चित रणजीत सिंह हत्याकांड मामले में शुक्रवार को 19 साल बाद सीबीआई की विशेष कोर्ट ने डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह समेत पांच आरोपियों को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने सजा सुनाने की तारीख 12 अक्तूबर मुकर्रर की है। कोर्ट ने डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह, कृष्ण कुमार, अवतार, जसवीर और सबदिल को दोषी करार दिया है।
सीबीआई की विशेष कोर्ट में शुक्रवार को दोषी गुरमीत राम रहीम सिंह सुनारिया जेल और कृष्ण कुमार अंबाला जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेश हुए। वहीं, दोषी अवतार, जसवीर और सबदिल प्रत्यक्ष रूप से कोर्ट में पेश हुए। सीबीआई की विशेष अदालत के जज डॉ. सुशील गर्ग ने दोषी करार देने से पहले अभियोजन और बचाव पक्ष के वकीलों की करीब ढाई घंटे तक दलीलें सुनीं। इसके बाद उन्होंने पांचों आरोपियों को दोषी करार दिया।
पंचकूला स्थित सीबीआई की विशेष कोर्ट में 12 अक्तूबर को पहले सजा पर बहस होगी। इसके बाद कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान रणजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह की अर्जी को खारिज कर दिया। अर्जी के जरिए मांग की गई थी कि वह जज बदलने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर करना चाहते हैं। इस पर सीबीआई की विशेष कोर्ट के जज डॉ. सुशील गर्ग ने अर्जी को खारिज करते हुए कहा कि दो दिन का समय आपके पास था। आप अर्जी दाखिल कर सकते थे। इसलिए अब इसमें सुनवाई का समय नहीं दिया जा सकता। यह कहकर उन्होंने अर्जी खारिज कर दी।
अभियोजन पक्ष के वकील एचपीएस वर्मा ने बताया कि 19 साल पुराने इस मामले में 12 अगस्त को बचाव पक्ष की अंतिम बहस पूरी हो गई थी। गौर है कि इस मामले में फैसला 26 अगस्त के लिए सुरक्षित रख लिया गया था। रणजीत सिंह के बेटे ने जज बदलने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। दायर याचिका की सुनवाई के कारण यह फैसला लंबित हो गया था।
बता दें कि डेरा सच्चा सौदा के प्रबंधक रणजीत सिंह की 10 जुलाई 2002 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। डेरा के अनुयायियों का आरोप था कि रणजीत सिंह साध्वी यौन शोषण मामले में गुमनाम चिट्ठी छपवाकर बांट रहे हैं। इसको लेकर डेरा प्रमुख समेत पांच लोगों ने मिलकर हत्या की वारदात को अंजाम दिया था।
इन धाराओं में कोर्ट ने दिया दोषी करार
डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह और कृष्ण कुमार को कोर्ट ने आईपीसी की धारा-302 (हत्या), 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र रचना) के तहत दोषी करार दिया है। वहीं, अवतार, जसवीर और सबदिल को कोर्ट ने आईपीसी की धारा-302 (हत्या), 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र रचना) और आर्म्स एक्ट के तहत दोषी करार दिया है।