विपक्षी दलों के कड़े तेवरों के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने कोरोना दवा के निर्यात पर फिलहाल के लिए पाबंदी लगा दी है। सरकार ने यह फैसला कोविड-19 के मामलों में तेज वृद्धि के चलते लिया है। इसके तहत कोरोना वायरल-रोधी दवा रेमडेसिविर की मांग बढ़ने के मद्देनजर निर्यात पर पाबंदी लगाई गई है। इस बीच दिल्ली में एक दिन में कोविड-19 के सबसे अधिक 10,774 नए मामले सामने आए। इसके साथ ही 48 और रोगियों की मौत हो गई है।
कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के कारण रेमडेसिविर की मांग बढऩे के मद्देनजर केन्द्र ने रविवार को कहा कि वायरल रोधी इंजेक्शन और इसकी सक्रिय दवा सामग्री (एपीआई) के निर्यात पर स्थिति में सुधार होने तक रोक लगा दी गई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इसके अलावा दवा की आसानी से उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए रेमडेसिविर के सभी घरेलू निर्माताओं को अपने विक्रेताओं और वितरकों की जानकारी अपनी वेबसाइट पर प्रर्दिशत करने की सलाह दी गई है।
औषधि निरीक्षकों और अन्य अधिकारियों को भंडार को सत्यापित करने, कदाचारों की जांच करने और इसकी जमाखोरी और कालाबाजारी को रोकने के लिए अन्य प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिये गये है। राज्यों के स्वास्थ्य सचिव संबंधित राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के औषधि निरीक्षकों के साथ इसकी समीक्षा करेंगे। मंत्रालय ने कहा, ”भारत में कोविड के मामले तेजी से बढ़ रहे है। देश में 11 अप्रैल तक उपचाराधीन मरीजों की संख्या 11.08 लाख है और यह संख्या तेजी से बढ़ रही है। इससे कोविड मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग तेजी से बढ़ी है।”