राजस्थान में रिवाज कायम रहा और भाजपा ने कांग्रेस को सत्ता से हटाकर बहुमत हासिल कर लिया है। राजस्थान में भाजपा के लिए जीत की किवाड़ मेवाड़ से खुली है। बता दें कि यह वह इलाका है, जहां पर पीएम मोदी ने बेहद ही आक्रामक ढंग से प्रचार अभियान चलाया था।
इस दौरान उन्होंने अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर खूब हमले किए थे। वहीं, उदयपुर के टेलर कन्हैया लाल की नृशंस हत्या का भी जिक्र किया था। माना जाता है कि इस चीज ने भी राजस्थान में वोटों के ध्रुवीकरण में एक बड़ी भूमिका निभाई।
मेवाड़ क्षेत्र में 35 सीटें
मेवाड़ क्षेत्र में कुल 35 विधानसभा सीटें हैं, जिसमें भाजपा ने 26 सीटों पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है, जबकि कांग्रेस महज पांच सीट तक सिमट गई। इसी से समझा जा सकता है कि मेवाड़ में भाजपा किस तरह से हावी रही। बता दें कि राजस्थान में एक कहावत काफी मशहूर है, ‘मेवाड़ जीत लिया तो राजस्थान जीत लिया।’ गौरतलब है कि मेवाड़ का इलाका दक्षिणी राजस्थान के छह जिलों को मिलाकर बनता है। इसमें उदयपुर, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, प्रतापगढ़, राजसमंद और झालावाड़ जिले की पिरावा तहसील शामिल है।
ऐसा रहा है चुनावी ट्रेंड
इससे पहले साल 2013 में भाजपा ने मेवाड़ की 35 में से 31 सीटों पर जीत हासिल की थी। यही नहीं, साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने इस क्षेत्र की सभी 5 लोकसभा सीटें जीती थी। कुछ ऐसा ही साल 2009 में कांग्रेस के साथ हुआ था। हालांकि 2018 में मेवाड़ की 35 में से मात्र 12 सीटें जीतने के बावजूद कांग्रेस राजस्थान में सरकार बनाने में कामयाब रही थी।
कन्हैयालाल मामले का असर
माना जा रहा है कि कन्हैया लाल हत्याकांड के जिक्र ने इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के लिए अहम भूमिका निभाई। बता दें कि कन्हैयालाल उदयपुर का टेलर था, जिसकी उसकी ही दुकान में गला काटकर हत्या कर दी गई थी। बताया जाता है कि कन्हैयालाल ने सोशल मीडिया पर भाजपा नेता नूपुर शर्मा का समर्थन किया था, जिसके चलते इस घटना को अंजाम दिया गया। चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने इस मुद्दे को उठाते हुए गहलोत सरकार पर हमला किया था और वोट बैंक पॉलिटिक्स का आरोप लगाया था।