बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने मंगलवार को लगातार दूसरे दिन यूपी की योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली बीजेपी पर सरकार पर हमला बोला.
मायावती ने सोमवार को बीजेपी सरकार पर पंचायत अध्यक्ष चुनाव में ‘सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग’ का आरोप लगाया था और इस बार हमले के केंद्र में था ‘भारत रत्न डॉक्टर भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केंद्र’ जिसका मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लखनऊ में शिलान्यास किया.
मायावती ने डॉक्टर आंबेडकर के नाम पर सांस्कृतिक केंद्र बनाने को लेकर बीजेपी की मंशा पर सवाल उठाया और इसे एक ‘छलावा’ बताया.
मायावती ने कहा, ” बीएसपी परमपूज्य बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के नाम पर कोई केन्द्र आदि बनाने के खिलाफ नहीं है. परन्तु अब चुनावी स्वार्थ के लिए यह सब करना घोर छलावा. यूपी सरकार अगर यह काम पहले कर लेती तो मा. राष्ट्रपति जी आज इस केन्द्र का शिलान्यास नहीं बल्कि उदघाटन कर रहे होते तो यह बेहतर होता.”
मायावती ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने अपने कार्यकाल में डॉक्टर आंबेडकर के ‘अनुयायियों की उपेक्षा और उत्पीड़न किया.’
उन्होंने सवाल किया, “अब विधानसभा चुनाव के नज़दीक यूपी भाजपा सरकार द्वारा बाबा साहेब के नाम पर ‘सांस्कृतिक केन्द्र’ का शिलान्यास करना यह सब नाटकबाज़ी नहीं तो और क्या है?”
कैसा होगा आंबेडकर केंद्र?
राष्ट्रपति कोविंद ने मंगलवार को जिस डॉक्टर आंबेडकर के नाम पर बनने वाले जिस केंद्र का शिलान्यास किया, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी परिकल्पना का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया.
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा से आकार ले रहा भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केंद्र बाबा साहेब डॉ. आंबेडकर जी की स्मृतियों को संरक्षित करेगा.”
अपनी पांच दिन की उत्तर प्रदेश यात्रा के आखिरी चरण में सांस्कृतिक केंद्र का शिलान्यास करने वाले राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा, “हमारी वास्तविक कामयाबी देश और समाज को बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के सिद्धांतो के आधार पर विकसित करने में है.”
सरकारी प्रसारक के मुताबिक राष्ट्रपति ने लखनऊ में जिस ‘सांस्कृतिक केंद्र’ का शिलान्यास किया, उसे तैयार करने में प्रदेश सरकार 45.04 करोड़ रुपये खर्च करेगी. यहां 750 सीटों पर वाला एक ऑडिटोरियम, पुस्तकालय, पिक्चर गैलरी, संग्रहालय, बहुउद्देश्यीय हॉल और कैफेटेरिया होगा. सांस्कृतिक केंद्र में डॉक्टर आंबेडकर की एक बड़ी प्रतिमा भी लगाई जाएगी.