महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन की पार्टियों के बीच मतभेद उभर कर सामने आ रहे हैं. शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने सीट बंटवारे में देरी के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया.
वहीं, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर बयान के खिलाफ गुरुवार को कांग्रेस के प्रदर्शन में यूबीटी और एनसीपी (एसपी) ने हिस्सा नहीं लेने का ऐलान किया, हालांकि दोनों पार्टियों ने कांग्रेस का समर्थन किया.
बुधवार को महागठबंधन की मुंबई में सीट शेयरिंग को लेकर बैठक खत्म हो गई. बैठक में सीट शेयरिंग पर चर्चा के अलावा राहुल गांधी पर महायुति के नेताओं द्वारा चल रही बयानबाजी पर भी चर्चा हुई.
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि महायुति के नेता भड़काऊ बयानों से महाराष्ट्र का माहौल बिगाड़ रहा है. कांग्रेस की ओर से गुरुवार को आंदोलन करने की बात बैठक में कही गई, जिसे यूबीटी और एनसीपी (एसपी) ने सपोर्ट किया, लेकिन कांग्रेस के साथ वो राज्य में होने वाले विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं होंगे. वहीं, कांग्रेस के प्रदर्शन के चलते गुरुवार महागठबंधन की बैठक भी टल गई है. अब अगली बैठक परसों 2 बजे होगी.
सीट समझौते पर देरी पर संजय राउत का तंज
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने बुधवार को आगामी विधानसभा चुनावों के लिए सीट-बंटवारे की बातचीत में देरी के लिए महाराष्ट्र में कांग्रेस नेताओं को जिम्मेदार ठहराया.
पत्रकारों से बात करते हुए, राउत ने कहा कि विपक्षी गठबंधन, जिसमें शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और एनसीपी (एसपी) शामिल हैं, सीट-बंटवारे से संबंधित मुद्दों को संबोधित करने के लिए मुंबई में बैठक करेंगे. नवंबर में चुनाव होने की उम्मीद है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस इन दिनों बहुत व्यस्त है, लेकिन हमने उन्हें इस मुद्दे को सुलझाने के लिए बुलाया है. वे इतने व्यस्त हैं कि ऐसा लगता है जैसे ‘तारीख पर तारीख’ (तारीख पर तारीख)”. उन्होंने कहा कि कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राकांपा (सपा) के नेता बुधवार से शुक्रवार तक चर्चा करेंगे.
मुंबई से संबंधित बातचीत को काफी हद तक अंतिम रूप दे दिया गया है, राउत ने महाराष्ट्र के आकार को देखते हुए क्षेत्रीय चर्चा की आवश्यकता पर जोर दिया.
कांग्रेस के प्रदर्शन में शामिल नहीं होंगे यूबीटी-एनसीपी
दूसरी ओर, महाराष्ट्र के नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने कहा कि राहुल के बाल को भी हाथ लगाने की औकात धमकी देने वाले नेताओं की नही है. बीजेपी नेता और साथी सत्ता पक्ष के नेता राहुल गांधी से डरे हुए हैं. जनता इनका तमाशा देख रही है. क्या पीएम मोदी और गृह मंत्री ऐसे नेताओं के साथ हैं. अगर साथ नही हैं तो इन पर कार्य वाई क्यू नही करते
इन नेताओ को गांधी नाम का इतिहास पता नही है गांधी ने देश के लिए शहादत दी है लेकिन आज जो लोग दिल्ली की कुर्सी पर बैठकर बयान दे रहे है उनका देश की आजादी में कोई योगदान नहीं था. हम सब राहुल गांधी के साथ है राहुल के बाल को भी हाथ लगाने की औकात इनके पास नहीं है.