श्रावण मास के हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत होता है. मंगला गौरी व्रत अखंड सौभाग्य और पति की लंबी उम्र के लिए रखते हैं. संतान की प्राप्ति के उद्देश्य से भी यह व्रत रखा जाता है.
इस साल सावन में 9 मंगला गौरी व्रत हैं. मलमास के लगने के कारण सावन दो माह का हो गया है. जो लोग मंगला गौरी व्रत रखें, वे माता पार्वती की विधिपूर्वक पूजा करें. उनको 16 श्रृंगार चढ़ाएं. पूजा के समय माता पार्वती चालीसा और मां मंगला गौरी की आरती करें. इससे देवी गौरी प्रसन्न होती हैं. मंगला गौरी की आरती जय मंगला गौरी माता. से शुरू होती है. इस दिन आप मंगला गौरी स्तोत्र का पाठ भी कर सकते हैं. मां मंगला गौरी की कृपा से सुखी दांपत्य जीवन, अखंड सौभाग्य और संतान के सुखी जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है. सुहागन महिलाओं की पति की लंबी आयु की मनोकामना पूर्ण होती है. आइए जानते हैं मंगला गौरी आरती और मंगला गौरी स्तोत्र के बारे में.
मंगला गौरी आरती
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता
ब्रह्मा सनातन देवी शुभ फल दाता।
जय मंगला गौरी.
अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता,
जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता।
जय मंगला गौरी.
सिंह को वाहन साजे कुंडल है,
साथा देव वधु जहं गावत नृत्य करता था।
जय मंगला गौरी.
सतयुग शील सुसुन्दर नाम सटी कहलाता,
हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता।
जय मंगला गौरी.
शुम्भ निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता,
सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाता।
जय मंगला गौरी.
सृष्टी रूप तुही जननी शिव संग रंगराताए
नंदी भृंगी बीन लाही सारा मद माता।
जय मंगला गौरी.
देवन अरज करत हम चित को लाता,
गावत दे दे ताली मन में रंगराता।
जय मंगला गौरी.
मंगला गौरी माता की आरती जो कोई गाता
सदा सुख संपति पाता।
जय मंगला गौरी.
मंगला गौरी स्तोत्र
ओम रक्ष-रक्ष जगन्माते देवि मङ्गल चण्डिके।
हारिके विपदार्राशे हर्षमंगल कारिके॥
हर्षमंगल दक्षे च हर्षमंगल दायिके।
शुभेमंगल दक्षे च शुभेमंगल चंडिके॥
मंगले मंगलार्हे च सर्वमंगल मंगले।
सता मंगल दे देवि सर्वेषां मंगलालये॥
पूज्ये मंगलवारे च मंगलाभिष्ट देवते।
पूज्ये मंगल भूपस्य मनुवंशस्य संततम्॥
मंगला धिस्ठात देवि मंगलाञ्च मंगले।
संसार मंगलाधारे पारे च सर्वकर्मणाम्॥
देव्याश्च मंगलंस्तोत्रं यः श्रृणोति समाहितः।
प्रति मंगलवारे च पूज्ये मंगल सुख-प्रदे ॥
तन्मंगलं भवेतस्य न भवेन्तद्-मंगलम्।
वर्धते पुत्र-पौत्रश्च मंगलञ्च दिने-दिने॥
मामरक्ष रक्ष-रक्ष ओम मंगल मंगले।
मां मंगला गौरी की जय.देवी पार्वती की जय.मां गौरी की जय.