पीएम नरेंद्र मोदी ने 2038 में भारत में UN क्लाइमेट समिट के आयोजन का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने दुबई में आयोजित COP28 समिट के दौरान यह बात रखी। उन्होंने इस दौरान पर्यावरण की सुरक्षा के लिए भारत की ओर से उठाए गए कदमों का जिक्र किया।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत हमेशा आर्थिक और पारिस्थितिकी के बीच संतुलन बनाने वाला देश रहा है।पीएम नरेंद्र मोदी ने दुबई में COP28 समिट में कहा, ‘आज भारत ने दुनिया के सामने आर्थिकी और पारिस्थितिकी का शानदार संतुलन पेश किया है। भारत की आबादी दुनिया की 17 फीसदी के बराबर है। फिर भी हमारा कार्बन उत्सर्जन में 4 फीसदी का ही योगदान है।
भारत दुनिया की उन चुनिंदा अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जो कार्बन उत्सर्जन कम रखे हुए हैं। इसके अलावा हम पर्यावरण की रक्षा के उपायों पर भी अच्छे से काम कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि आपने क्लाइमेट जस्टिस, क्लाइमेट फाइनेंस और ग्रीन क्रेडिट पर हमेशा समर्थन किया है, जिन्हें मैंने उठाया था। उन्होंने कहा कि हमारे इन प्रयासों से साफ है कि दुनिया के कल्याण के लिए हम सबको मिलकर काम करना होगा। तभी सभी के हितों की सुरक्षा हो सकेगी। पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत क्लाइमेट चेंज से निपटने के लिए यूएन के फ्रेमवर्क पर काम करने के लिए तत्पर है। इसलिए हम प्रस्ताव देते हैं कि 2028 में COP33 समिट का आयोजन भारत में किया जाए।’
उन्होंने कहा कि भारत का कुल कार्बन उत्सर्जन में 45 फीसदी की कमी करने का लक्ष्य है। इस टारगेट को हम 2030 तक हासिल करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने यह भी फैसला लिया है कि फॉसिल फ्यूल का इस्तेमाल 50 फीसदी तक ही रखा जाए। यही नहीं पीएम मोदी ने कहा कि 2030 तक तो हमारा लक्ष्य इसे जीरो तक पहुंचाने का है। गौरतलब है कि समिट में ब्रिटिश किंग चार्ल्स ने क्लाइमेट चेंज की बात करते हुए भारत और पाकिस्तान में आई बाढ़ का भी जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि ऐसी आपदाएं जलवायु में बड़े परिवर्तन की वजह से ही आ रही हैं। उन्होंने कनाडा और अमेरिका के जंगलों में आग लगने के मुद्दे को भी उठाया था।