भारत में कोरोना वायरस के एक नए स्वरूप का पता लगा है, जो तेजी से फैल सकता है और मानव शरीर की प्रतिरोधक क्षमता से बच निकलने में सक्षम है. वैज्ञानिकों के अनुसार हालांकि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि नए स्वरूप के कारण देश में या पश्चिम बंगाल में वायरस से संक्रमण के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है.
नए स्वरूप का पता सबसे पहले पश्चिम बंगाल में ही लगा था. नए स्वरूप को बी.1. 618 नाम दिया गया है जो बी.1. 617 से अलग है और इसे दोहरे उत्परिवर्तन वाले वायरस के रूप में भी जाना जाता है. माना जा रहा है कि भारत में दूसरी लहर में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से वृद्धि के पीछे यही स्वरूप है.
सीएसआईआर-इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (सीएसआईआर-आईजीआईबी), नई दिल्ली के निदेशक अनुराग अग्रवाल ने कहा कि चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. मानक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की जरूरत है. उन्होंने कहा कि बी.1.618 के संबंध में जांच की जा रही है. बी.1.618 भारत में मुख्य रूप से पाए जाने वाले सार्स-सीओवी-2 का एक नया स्वरूप है.
गुरुवार को कोरोना संक्रमण के 3.14 लाख नए मामले सामने आने के बाद पैदा हुई चिंताओं को दूर करने का प्रयास करते हुए वैज्ञानिकों ने अधिक शोध और कोविड संबंधी उचित व्यवहार के पालन पर जोर दिया है. देश में संक्रमण के नए मामलों की ये संख्या सिर्फ 17 दिनों में 1 लाख से 3 लाख को पार कर गई. नए मामलों के साथ एक्टिव केस की संख्या भी करीब 23 लाख हो चुकी है, जिससे देश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर भारी दबाव बन रहा है.
राजधानी दिल्ली और महाराष्ट्र समेत कई राज्य मेडिकल ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं. बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि कोविड-19 के गंभीर रोगियों का इलाज कर रहे दिल्ली के उन अस्पतालों को फौरन किसी भी तरीके से ऑक्सीजन मुहैया कराई जाए जो इसकी कमी से जूझ रहे हैं.