देहरादून। भाजपा को उम्मीद है कि जिस तरह 2017 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में पार्टी को मोदी फैक्टर की वजह से बड़ी जीत मिली, उसी तरह यह ‘‘फैक्टर’’ राज्य में फिर काम करेगा। पार्टी का मानना है कि 2017 में भाजपा की ऐतिहासिक जीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रभाव महत्वपूर्ण था। तब उसने एकतरफा लड़ाई में राज्य की कुल 70 विधानसभा सीट में से 57 पर जीत हासिल की थी और प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस को सिर्फ 11 सीट ही मिल पाई थीं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता जहां ‘‘मोदी फैक्टर’’ के पार्टी के पक्ष में काम करने को लेकर काफी आशावादी हैं, वहीं चुनाव पर करीब से नजर रखने वाले लोग इस बार पार्टी की संभावनाओं को ज्यादा नहीं आंकते हैं, लेकिन वे भी मानते हैं कि पार्टी को जो भी सीट मिलेंगी, वे ‘‘मोदी फैक्टर’’ के कारण मिलेंगी। राजनीतिक टिप्पणीकार जेएस रावत ने इस संबंध में कहा, ‘‘पांच साल के भीतर भाजपा के तीन मुख्यमंत्री देने के कारण राज्य में एक मजबूत सत्ता विरोधी लहर है, जो पार्टी की संभावनाओं को बिगाड़ सकती है। हालांकि, पार्टी जहां भी जीतेगी वह मोदी के बल पर होगी।’’ राज्य में 60 से अधिक सीट जीतने के अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए भाजपा मोदी के जादू पर काफी निर्भर है। वर्चुअल रैलियों के जरिए अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों में अपने उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर रहे भाजपा नेता मोदी के नाम पर वोट मांग रहे हैं। चुनावी रैलियों में उनके आधे भाषण बड़ी विकास परियोजनाओं को समर्पित हैं, जिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य में काम शुरू हुआ। प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष देवेंद्र भसीन ने कहा, मोदी हमारे सबसे बड़े प्रतीक हैं। यह एक ऐसा कारक है जिसने हमेशा पार्टी के लिए काम किया है और आने वाले चुनाव कोई अपवाद नहीं हैं। भसीन ने कहा कि लोग जानते हैं कि लंबे समय से प्रतीक्षित ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन, चारधाम ‘ऑल वेदर रोड’ या केदारनाथ-बद्रीनाथ पुनर्निर्माण जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के पीछे मोदी ही ‘प्रेरक शक्ति’ हैं। भाजपा नेता ने कहा, वह (मोदी) इतनी बार राज्य का दौरा करने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं और उनकी योजनाओं में उत्तराखंड को दी गई प्राथमिकता पूरी तरह स्पष्ट है। उनके नेतृत्व में उत्तराखंड के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।