बालों के टिप्स : बालों का सफेद होना आजकल एक बहुत ही आम समस्या बन गई है। बढ़ती उम्र के साथ बालों का सफेद होना एक आम बात है, लेकिन जब कम उम्र में बाल सफेद होने लगें तो यह एक बड़ी समस्या बन जाती है।
अगर आपको भी समय से पहले बाल सफेद होने की समस्या है तो आप भी इस घरेलू नुस्खे को आजमा सकती हैं।
बालों का सफेद होना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, व्यक्ति की बढ़ती उम्र के साथ उसके बाल भी सफेद होने लगते हैं। ज्यादातर लोगों के बाल 30-40 की उम्र के बीच सफेद होने लगते हैं। लेकिन आजकल कम उम्र में ही बालों के सफेद होने की समस्या लोगों में देखने को मिल रही है। अक्सर किशोरों के बाल भी समय से पहले सफेद होने लगते हैं। बालों का सफेद होना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है लेकिन अगर यह समय पर न होकर जल्दी शुरू हो जाए तो कई तरह की समस्याएं पैदा कर देता है। कई बार इससे व्यक्ति का आत्मविश्वास भी कम होने लगता है।
हम सभी हमेशा जवां दिखना चाहते हैं और सफेद बाल हमें उम्रदराज़ दिखाने लगते हैं और इसीलिए जब कम उम्र में बाल सफ़ेद होने लगते हैं तो तनाव तो कई बार शर्मिंदगी भी होती है। उसके लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि आपके बाल सफेद होने का मुख्य कारण क्या है? कई बार सफेद बालों का कारण अनुवांशिक भी हो सकता है। पौष्टिक आहार की कमी, अत्यधिक तनाव भरी जिंदगी और पुरुष हार्मोन की अधिकता भी बालों के समय से पहले सफेद होने का कारण बन सकती है।
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो बालों को समय से पहले सफेद होने से बचाने के लिए खान-पान में बदलाव करना जरूरी है। यहां हम ऐसे ही घरेलू नुस्खों के बारे में बात करेंगे जो आपके बालों को भी पोषण और मजबूती प्रदान करते हैं।
1. आरेठा और शिकाकाई :
बालों को सफेद होने से बचाने के लिए अरेठा और शिकाकाई का प्रयोग बहुत अच्छा होता है। अरेथा और शिकाकाई को रातभर के लिए भिगो दें। सुबह उस पानी को उबालकर ठंडा कर लें और फिर इससे अपने बालों को धो लें।
2. आंवला:
सूखे आंवले को रात भर भिगो दें और सुबह पानी को प्राकृतिक कंडीशनर के रूप में इस्तेमाल करें।
3. तनाव मुक्त रहें
तनाव आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, यहां तक कि समय से पहले बालों का सफेद होना भी एक समस्या है इसलिए जितना हो सके तनाव मुक्त रहें।
4.एंटीऑक्सीडेंट:
अपने दैनिक जीवन में फल और सब्जियों का अधिक से अधिक सेवन करें क्योंकि इनमें ढेर सारे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो आपको स्वस्थ रखते हैं।
5. प्रोटीन:
आहार प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों से भरपूर होना चाहिए जैसे – दालें, बीन्स आदि
6. Preservative Product:
कृत्रिम परिरक्षकों वाले उत्पादों का सेवन करने से जितना हो सके बचना चाहिए, क्योंकि इनका पाचन तंत्र पर बुरा प्रभाव पड़ता है।