90.4 फीसदी तक असरदार कोरोना की नोवावैक्स वैक्सीन पर अगले महीने परीक्षण शुरू हो सकता है। सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदर पूनावाला ने जुलाई माह में यह परीक्षण शुरू होने की संभावना जताई है। साथ ही सिंतबर माह तक यह कोवावैक्स नाम से भारत में उपलब्ध होने की जानकारी भी दी है।
कंपनी का दावा यहां तक है कि कोवावैक्स का परीक्षण 18 साल से कम आयु वालों पर भी किया जा सकता है। हालांकि इसे लेकर जब ‘अमर उजाला’ ने वैक्सीन परीक्षण की अनुमति देने वाले विशेषज्ञों से बात की तो उन्होंने इन दावों से साफ इंकार कर दिया।
इन विशेषज्ञों का कहना है कि नियमानुसार भारत में भी एक अध्ययन की आवश्यकता है और उसके परिणाम आने व समीक्षा करने तक कम से कम छह से सात महीने का इंतजार करना होगा। यानि अगर इसी महीने में परीक्षण शुरू भी हो जाता है तो भी वैक्सीन को आने में नवंबर-दिसंबर तक का वक्त लगेगा। अगर इसमें कोई देरी होती है तो यह अगले साल तक के लिए जा सकता है।भारत सरकार के ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की विशेषज्ञ समिति (एसईसी) से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि दुनिया के किसी भी देश में परीक्षण परिणाम चाहे कुछ भी हो, हमे उससे फर्क नहीं है। हमारे लिए जरूरी है कि भारत में इसका क्या असर है? भारतीय लोगों पर ये वैक्सीन क्या असर कर रही है?
सरकार ने हाल ही में विदेशों से आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति लेने वाली वैक्सीन को बगैर ब्रिजिंग ट्रायल अनुमति देने का फैसला लिया है लेकिन कोवावैक्स का उत्पादन सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया कर रहा है और इसका कम से कम एक परीक्षण भारत में होना जरूरी है जोकि अभी शुरूआती चरण में है।
सरकार से अनुमति मिलने से लेकर अस्पताल में पंजीयन शुरू होने तक कम से कम एक से डेढ़ महीने का वक्त लगता है। अधिकारी ने कहा कि ऐसी स्थिति में कैसे सिंतबर या नवंबर तक 20 करोड़ खुराक आने का दावा किया जा सकता है?
दरअसल हाल ही में नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने प्रेस कान्फ्रेंस में नोवावैक्स के परिणामों पर संतुष्टि जताते हुए कहा था कि सरकार को उम्मीद है कि नोवावैक्स या कोवावैक्स की 20 करोड़ खुराक इसी साल सिंतबर से नवंबर माह के बीच उपलब्ध हो सकती हैं।
इसी को लेकर एसईसी के दो अलग अलग विशेषज्ञों का कहना है कि अभी तक सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने कोवावैक्स परीक्षण के लिए आवेदन भी नहीं किया है। इस आवेदन पर चर्चा होने और सभी मॉडल्स एवं डिजाइन की समीक्षा उपरांत ही अनुमति दी जा सकती है।
उन्होंने उन खबरों का खंडन भी किया है जिसमें कहा गया है कि नोवावैक्स के लिए कंपनी की ओर से आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति के लिए भारत सरकार को आवेदन दिया है। सीईओ अदर पूनावाला ने एक साक्षात्कार में कहा है कि कंपनी जल्द ही कोवावैक्स पर परीक्षण के लिए आवेदन करने जा रही है। जबकि ठीक एक दिन पहले नोवावैक्स के चीफ एक्जीक्यूटिव स्टैनले अर्क के हवाले से खबरें आई थी कि कंपनी ने यूनाइटेड किंगडम, यूरोपियन यूनियन, कोरिया और भारत में भी आवेदन दिया है।
यूं ही नहीं मिलेगी बच्चों पर परीक्षण की अनुमति समिति के वरिष्ठ सदस्य ने कहा कि वह स्वयं भी मानते हैं कि बच्चों को वैक्सीन लगना जरूरी है लेकिन इन पर किसी भी वैक्सीन के परीक्षण की अनुमति यूं ही नहीं दी जा सकती है। कंपनी की ईच्छा है कि कोवावैक्स का परीक्षण बच्चों पर भी हो लेकिन सरकार किसी कंपनी की ईच्छा से नहीं चलती है।