हमास की ओर से बंधक बनाए गए इजरायली नागरिकों का मामला प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। हमास ने चेतावनी दी है कि अगर गाजा पट्टी में फिलिस्तीनी घरों पर इजरायल बिना किसी चेतावनी के एक बम गिराता है, तो उसके एक बंधक को मार दिया जाएगा।
दोनों पक्षों के बीच यह खूनी संघर्ष चौथे दिन भी जारी है, जिसका कोई अंत नहीं दिख रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, हमास के आतंकियों ने करीब 150 लोगों को बंधक बनाया है जिनमें बच्चे और महिलाएं शामिल हैं। इनमें से ज्यादातर को शनिवार तड़के शुरू हुए हमलों के दौरान सीमावर्ती कस्बों और किबुत्जिम से पकड़ा गया था।
हमास के प्रवक्ता अबू उबैदा ने कहा, ‘बिना किसी चेतावनी के हमारे लोगों को निशाना बनाया गया तो बंधकों को फांसी पर लटका देंगे।’ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चार बंधकों की पहले ही मौत हो चुकी है। हालांकि, यह साफ नहीं है कि वे इजरायली थे या किसी दूसरे देश के नागरिक। इस तरह इजरायली सरकार के लिए बंधक बनाए गए उसके नागरिक बड़ी समस्या बन गए हैं। इजरायल पहले ही हमास के हमलों का मुंहतोड़ जवाब देने की कसम खा चुका है। इजरायल ने 3,00,000 अतिरिक्त सैनिकों की भी तैनाती कर दी है। इससे सवाल खड़ा होता है कि क्या वह छोटे से भूमध्यसागरीय तटीय क्षेत्र गाजा में जमीनी आक्रमण शुरू करेगा। उसने आखिरी बार 2014 में जमीनी आक्रमण किया था। इजरायल ने और आक्रमण रोकने के लिए गाजा सीमा पर टैंक और ड्रोन तैनात किए हैं। गाजा के पास 12 से अधिक शहरों से हजारों इजरायलियों को निकाला गया है।
क्या बेंजामिन नेतन्याहू बंधकों को देंगे प्राथमिकता?
जानकार बताते हैं कि इजरायली जनता अब अपने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ मजबूती से खड़ी है। उन्हें विपक्ष का भी पूरा समर्थन मिल चुका है। पूर्व प्रधानमंत्री और वर्तमान विपक्ष के नेता यायर लैपिड ने कहा, ‘फिलहाल किसी को राजनीति की परवाह नहीं है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।’ एक्सपर्ट्स की मानें तो अगर बंधकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उन्हें बचाना नेतन्याहू की प्राथमिकता नहीं रही तो इजरायली जनता अपने नेता को माफ नहीं करेगी। फ्रांसीसी समाजशास्त्री सिल्वेन बुल्ले ने बताया, ‘ऐसी स्थिति में नागरिकों का रवैया यह होगा कि आप हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करने में फेल हो गए। आपको हमारे बंधकों को सुरक्षित वापस लाना चाहिए।’
फिलहाल हमले के मूड में दिख रहा इजरायल
समाजशास्त्री बुल्ले ने कहा कि अगर बंधकों को मार दिया जाता है तो इससे राजनेताओं और सेना के बीच तनाव पैदा हो सकता है। सवाल है कि क्या इजरायल सरकार हमास के हमलों का बदला लेने के लिए जन भावनाओं को जोखिम में डालेगी? तेल-अवीव स्थित राष्ट्रीय सुरक्षा अध्ययन संस्थान में कोबी माइकल एक रिसर्चर हैं। उन्होंने कहा, ‘ऐसा लगता है कि इजरायल बंधकों को पहली प्राथमिकता नहीं देने वाला है। यह दुखद जरूर है। इजरायली सरकार बंधक मामले का समाधान तभी निकालेगी जब उसका पलड़ा भारी होगा। जब हमास हार जाएगा, तभी बंधकों को लेकर कोई समझौता होगा। मौजूदा हालात तो कुछ ऐसे ही दिख रहे हैं।’
बंधक मामले पर अब कतर आया आगे
इस बीच, मुस्लिम बहुल देश कतर बंधकों की रिहाई को लेकर आगे आया है। कतरी मध्यस्थों ने हमास के अधिकारियों से बंधकों को आजाद करने के बारे में बातचीत की है। कतर के मध्यस्थ दोहा और गाजा में हमास के अधिकारियों के संपर्क में है। बताया जा रहा है कि हमास इनकी आजादी के बदले में इजरायल की जेलों से 36 फिलिस्तीनी महिलाओं और बच्चों को रिहा करने की मांग कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, कतर शनिवार रात से अमेरिका के साथ समन्वय में यह बातचीत कर रहा है जो कि सकारात्मक रूप से आगे बढ़ रही है। हालांकि, अभी तक इसमें सफलता के संकेत नहीं मिले हैं क्योंकि दोनों पक्षों की ओर से हमले भी जारी हैं।