नई दिल्ली. अभिनेता से नेता बने मिथुन चक्रवर्ती (Mithun Chakraborty) की रविवार को रायगंज में चुनाव प्रचार (Election Campaign) के दौरान अचानक से तबीयत खराब होने के बाद कोलकाता ले जाया गया. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में एक रैली के दौरान बीजेपी ज्वॉइन करने वाले मिथुन चक्रवर्ती को गश्ती महसूस होने के बाद रेस्क्यू किया गया. डॉक्टरों के मुताबिक मिथुन चक्रवर्ती की तबीयत खराब होने के पीछे डिहाइड्रेशन का संदेह है.
बीजेपी ज्वॉइन करने से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत की मेजबानी करके मिथुन चक्रवर्ती ने सुर्खियां बटोरी थीं. मुंबई स्थित अपने बंगले पर आरएसएस प्रमुख की मेजबानी करने वाले मिथुन चक्रवर्ती ने कहा था कि भागवत के साथ उनका “आध्यात्मिक रिश्ता” है. इस मुलाकात पर मिथुन ने कहा था, “हमारे बीच एक गहरा आध्यात्मिक रिश्ता है. योजना थी कि जब भी वे मुंबई आएंगे, तो हमारे घर पर पधारेंगे और ऐसा ही हुआ, जब मैं लखनऊ में एक शूट खत्म करके मुंबई लौटा तो वे भी मुंबई में थे. इसलिए जुड़ गए हम दोनों.”
बीजेपी से पहले मिथुन चक्रवर्ती वाम विचारधारा के साथ लंबे समय तक जुड़े रहे. दिवंगत नेता सुभाष चक्रवर्ती के साथ उनका काफी नजदीकी जुड़ाव था, बाद में वे टीएमसी में भी रहे. मृणाल सेन की ऐतिहासिक फिल्म मृगया में अपनी भूमिका के लिए मिथुन चक्रवर्ती को काफी शोहरत मिली और इस तरह से उनका फिल्मी करियर शुरू हुआ.
2014 में तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर मिथुन चक्रवर्ती राज्यसभा पहुंचे. लेकिन, दो साल बाद मिथुन चक्रवर्ती ने स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला देते हुए राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया. सारदा समूह चीफ फंड घोटाले में जेल की सजा काट रहे सुदीप्त सेन की कंपनियों के लिए मिथुन चक्रवर्ती ब्रैंड एंबेसडर के तौर पर काम करते रहे हैं.
2014 में मिथुन चक्रवर्ती को ईडी ने इस मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था. दरअसल ईडी को पता चल गया था कि शारदा ने मिथुन चक्रवर्ती के खाते में 1.2 करोड़ रुपया ट्रांसफर किया है. 2015 में कोलकाता में मिथुन चक्रवर्ती ने शारदा से मिला पूरा पैसा ईडी को लौटा दिया.